देहरादून, 3 अगस्त 2025
आज उज्ज्वल रेस्टोरेंट, देहरादून में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सेवा का मिनी कर्मचारी संगठन की प्रदेश स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक संगठन की प्रदेश अध्यक्षा श्रीमती रेखा नेगी की अध्यक्षता में संपन्न हुई, जिसमें प्रदेशभर से संगठन के पदाधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक के दौरान सभी पदाधिकारियों ने एक स्वर में अपनी नाराजगी जाहिर की और कहा कि राज्य सरकार लगातार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की समस्याओं की अनदेखी कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों को बार-बार ज्ञापन देने के बावजूद उनकी मांगों पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो पाई है। केवल झूठे आश्वासन दिए जा रहे हैं, जिससे कार्यकर्ताओं में भारी असंतोष व्याप्त है।
बैठक में उठाई गई मुख्य मांगें:
- मानदेय में वृद्धि:
राज्य सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रतिदिन के मानदेय में ₹140 की वृद्धि करे। साथ ही केंद्र सरकार को ₹150 प्रतिदिन की अतिरिक्त राशि के लिए प्रस्ताव भेजा जाए। - सीनियरिटी आधारित पदोन्नति:
सुपरवाइजर के पदों पर प्रत्येक वर्ष वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति की विज्ञप्ति जारी की जाए। - सेवानिवृत्ति लाभ और आयु सीमा:
सरकार के पूर्व घोषणा पत्र के अनुसार, 60 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर ₹1 लाख की एकमुश्त धनराशि प्रदान की जाए। साथ ही, सेवानिवृत्ति की आयु सीमा को 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष किया जाए। इसके साथ पेंशन योजना का भी जीओ (शासनादेश) जारी किया जाए। - केवाईसी ऐप में सुधार:
लाभार्थियों की फेस कैप्चरिंग/केवाईसी प्रक्रिया को केवल एक बार करने की सुविधा दी जाए और ऐप में तकनीकी सुधार किए जाएं। - भवन किराया और मोबाइल रिचार्ज:
केंद्रों के भवन किराए में बढ़ोतरी की जाए और मोबाइल रिचार्ज की राशि तुरंत प्रदान की जाए। - अन्य विभागीय कार्यों से मुक्ति:
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अन्य विभागों का कार्य देने पर रोक लगाई जाए, ताकि वे अपनी मुख्य सेवाओं पर ध्यान दे सकें। - नन्दा गौरा योजना का लाभ:
नन्दा गौरा योजना का लाभ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी दिया जाए। - फोनो की खराब स्थिति:
अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्रों में फोनो (फोन) की स्थिति बेहद खराब है, जिससे कार्यों में बाधा आ रही है। - पीएमएमवीवाई की राशि का भुगतान:
वर्ष 2022–23 में गर्भवती महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना (PMMVY) की राशि नहीं मिली है। इसका जल्द निस्तारण किया जाए।
सड़क पर उतरने की चेतावनी
संगठन ने स्पष्ट किया है कि यदि जल्द ही इन मांगों पर सुनवाई और समाधान नहीं हुआ, तो प्रदेश की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगी। इसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन और संबंधित विभाग की होगी।
प्रदेश अध्यक्षा रेखा नेगी ने कहा, “हम सरकार से सिर्फ अपने अधिकार की बात कर रहे हैं। अगर हमारी समस्याओं का हल नहीं निकाला गया तो हमें आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।”
बैठक के अंत में सभी पदाधिकारियों ने एकजुट होकर यह संकल्प लिया कि जब तक मांगों को लेकर सकारात्मक कार्यवाही नहीं होती, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।