देहरादून। उत्तराखंड आने वाले बाहरी राज्यों के वाहनों के लिए अब ग्रीन सेस से बचना नामुमकिन होगा। राज्य की सभी सीमाओं पर अंदर तक ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए जा चुके हैं। ये हाईटेक कैमरे बाहरी वाहनों की नंबर प्लेट स्कैन कर फास्टैग खाते से ग्रीन सेस की स्वतः कटौती करेंगे।
अगर कोई वाहन एक कैमरे की नज़र से बच भी गया, तो सीमा पर लगे अगला कैमरा ग्रीन सेस काटने का काम करेगा। परिवहन विभाग ने स्पष्ट किया है कि अब कोई भी वाहन इस कटौती से नहीं बच पाएगा।
24 घंटे तक वैध रहेगा ग्रीन सेस
संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने जानकारी दी कि एक बार ग्रीन सेस कटने के बाद वह 24 घंटे तक वैध रहेगा। यानी एक बार सेस कटने के बाद अगले 24 घंटे तक दोबारा कटौती नहीं होगी। हालांकि, 24 घंटे के बाद यदि वाहन पुनः राज्य की सीमा में प्रवेश करता है तो फिर से सेस कटेगा।
इस महीने के अंत तक शुरू होगी प्रक्रिया
परिवहन मुख्यालय की ओर से राज्यभर में ग्रीन सेस कटौती की प्रक्रिया इस महीने के अंत तक शुरू की जा रही है। इस योजना के लिए चयनित एजेंसी का नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) से समझौता हो चुका है और अब वाहन पोर्टल के साथ समन्वय की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
इतना देना होगा ग्रीन सेस (रुपयों में)
वाहन श्रेणी | सेस राशि |
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भारी वाहन (3 एक्सल) | ₹450 |
भारी वाहन (4 से 6 एक्सल) | ₹600 |
भारी वाहन (7 एक्सल या अधिक) | ₹700 |
मध्यम/भारी मालवाहक (7.5-18.5 टन) | ₹250 |
हल्के माल वाहन (3-7.5 टन) | ₹120 |
डिलीवरी वैन (3 टन तक) | ₹80 |
भारी निर्माण उपकरण | ₹250 |
बस (12 सीट से अधिक) | ₹140 |
मोटर कैब, मैक्सी कैब, पैसेंजर कार | ₹80 |
यह कदम राज्य की वायु गुणवत्ता सुधारने और पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।