देहरादून | 15 दिसंबर 2025
उत्तराखंड सरकार ने 15 दिसंबर 2025 को आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए सेवानिवृत्त होने वाली कार्यकत्रियों को न्यूनतम एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। यह सहायता नए वित्तीय वर्ष से लागू होगी। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने इस संबंध में सहमति बनने के बाद विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
मंत्री का दावा: लंबे समय से चल रहा था प्रयास
सचिवालय स्थित एचआरडीसी सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक के बाद मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि वर्तमान में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को रिटायरमेंट के समय मात्र 35 से 40 हजार रुपये की राशि मिलती थी। इसे बढ़ाने के लिए विभाग लगातार प्रयासरत था। प्रस्तावित योजना के तहत आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को 300 रुपये प्रतिमाह का अंशदान करना होगा। विभाग का कहना है कि इस योजना पर आंगनबाड़ी संगठनों की सहमति प्राप्त हो चुकी है और 1 अप्रैल 2026 से सेवानिवृत्त होने वाली सभी पात्र कार्यकत्रियों को बढ़ी हुई राशि का लाभ मिलेगा।
संगठन का विरोध: सहमति का दावा गलत
हालांकि, इस फैसले को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकत्री संगठन ने तीखी आपत्ति जताई है। संगठन की अध्यक्ष श्रीमती रेखा ने स्पष्ट किया कि मीडिया के माध्यम से यह जानकारी सभी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों तक पहुंची, लेकिन संगठन ने पहले ही सचिव, निदेशक और उपनिदेशक स्तर पर बातचीत कर सरकार और विभाग को लिखित रूप में अपनी असहमति पत्र सौंप दिया था।
कम मानदेय में कटौती का आरोप
संगठन का कहना है कि पहले से ही आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का मानदेय बेहद कम है। इसके बावजूद उनके मानदेय से पहले ही 100 रुपये प्रतिमाह की कटौती की जा रही है, जिससे करोड़ों रुपये की राशि वर्षों से जमा हो रही है। संगठन के अनुसार, पिछले कई वर्षों में सेवानिवृत्त होने वाली कार्यकत्रियों को मात्र 30 हजार रुपये ही दिए गए हैं।
‘एक लाख का झुनझुना’ बताकर जताया रोष
संगठन ने आरोप लगाया कि वे वर्षों से अपने जमा किए गए 100 रुपये प्रतिमाह के बदले 10 लाख रुपये की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार एक लाख रुपये की घोषणा कर 300 रुपये और काटने की बात कर रही है। संगठन ने साफ कहा है कि इस प्रस्ताव से कोई भी आंगनबाड़ी कार्यकत्री सहमत नहीं है।
मुख्यमंत्री से अपील, आंदोलन की चेतावनी
आंगनबाड़ी संगठन ने मुख्यमंत्री और महिला सशक्तिकरण मंत्री से मांग की है कि सेवानिवृत्ति पर 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई और 300 रुपये की जबरन कटौती की गई, तो प्रदेशभर में उग्र आंदोलन किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार और विभाग की होगी।
निष्कर्ष
आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के लिए घोषित आर्थिक सहायता जहां सरकार के अनुसार एक राहत भरा कदम है, वहीं संगठन इसे अपने हितों के खिलाफ बता रहा है। सरकार और आंगनबाड़ी संगठनों के बीच सहमति-असहमति का यह टकराव आने वाले दिनों में बड़ा आंदोलन का रूप ले सकता है। अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि सरकार संगठन की मांगों पर क्या रुख अपनाती है।



