धराली (उत्तरकाशी), 10 अगस्त 2025
उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में पांच अगस्त को आई आपदा के बाद छाए अंधेरे का अंत आखिरकार पांचवें दिन हो गया। रविवार रात, उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPCL) की अथक मेहनत और सेना-प्रशासन के सहयोग से गांव में बिजली आपूर्ति बहाल हो गई। यह वह पहली रात थी जब आपदा के बाद धराली रोशनी से जगमगा उठा।
दो किलोमीटर बिजली लाइन पूरी तरह ध्वस्त
आपदा में हर्षिल से धराली तक करीब दो किलोमीटर लंबी बिजली लाइन क्षतिग्रस्त हो गई थी। सड़कों के बाधित होने से मरम्मत कार्य असंभव हो गया था। UPCL के निदेशक परिचालन एम.आर. आर्य के नेतृत्व में टीम ने बिजली बहाली का बीड़ा उठाया, लेकिन जमीनी रास्ते बंद होने के कारण काम ठप पड़ा रहा।
हेलिकॉप्टरों से पहुंचा उपकरण और टीम
आखिरकार सेना के चिनूक हेलिकॉप्टर और सरकार के दो अन्य हेलिकॉप्टरों ने उम्मीद की किरण जगाई। एयरलिफ्ट ऑपरेशन के तहत दो टन से अधिक बिजली उपकरण, पोल, कंडक्टर, सर्विस लाइन, इंसुलेटर और अन्य जरूरी सामग्री को देहरादून एयरपोर्ट से चिन्यालीसौड़ होते हुए हर्षिल तक पहुंचाया गया। साथ ही 40 अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम भी हवाई मार्ग से घटनास्थल तक पहुंचाई गई।
दो चरणों में चला रेस्क्यू और बहाली अभियान
- पहला चरण: 125 KVA का डीजल जनरेटर सेट, कंडक्टर, पोल और अन्य सामान को हर्षिल घाटी तक पहुंचाया गया।
- दूसरा चरण: UPCL के इंजीनियरों और लाइनमैन ने हाई-अलर्ट मोड में दिन-रात काम करते हुए क्षतिग्रस्त पोल और तार बदले, नई सर्विस लाइनें जोड़ीं और DG सेट से अस्थायी आपूर्ति शुरू की।
स्थायी आपूर्ति के लिए सौर और माइक्रो हाइड्रो ग्रिड का सहारा
आपातकालीन बिजली बहाली के बाद UPCL ने घाटी में सौर ऊर्जा और माइक्रो हाइड्रो ग्रिड को भी जोड़ा। इस ग्रिड से 25 किलोवॉट बिजली का उत्पादन हो रहा है, जिससे मुखबा गांव को स्थायी और सतत आपूर्ति मिल रही है।
मुख्य सचिव के निर्देश पर तेज हुई प्रक्रिया
मुख्य सचिव आनंदबर्द्धन ने शनिवार को बैठक में बिजली आपूर्ति बहाल करने के सख्त निर्देश दिए थे। UPCL के एमडी अनिल कुमार ने बताया, “हर्षिल घाटी में बिजली बहाल करना अत्यंत चुनौतीपूर्ण कार्य था। एयरलिफ्ट ऑपरेशन, हाई-एल्टीट्यूड फील्डवर्क और माइक्रो हाइड्रो ग्रिड के संयोजन से यह उपलब्धि संभव हो पाई। यह हमारी जन सेवा के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है।”