उत्तरकाशी, 8 अगस्त 2025
उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में आई भीषण आपदा के बीच राहत और बचाव कार्य में जुटे अग्निवीर सोनू सिंह मौत के मुहाने से लौट आए। उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रहने वाले सोनू 5 अगस्त को राहत अभियान के दौरान अचानक आए मलबे में अपने साथियों के साथ भागीरथी नदी के उफान में बह गए थे। फिलहाल वे जिला अस्पताल उत्तरकाशी के आईसीयू में भर्ती हैं, जबकि उनकी टुकड़ी के नौ जवान अब भी लापता हैं।
आपदा के वक्त का मंजर
सोनू ने अस्पताल में भर्ती रहते हुए घटना को याद करते हुए कहा, “हमारी 18 जवानों की टुकड़ी धराली में आई आपदा के बाद राहत और बचाव के लिए पहुंची थी। जैसे ही हम हर्षिल नाला पार कर रहे थे, अचानक भारी मलबा आ गिरा। तेज धारा मुझे बहाकर भागीरथी की ओर ले गई। पत्थरों से टकराने से कई जगह चोटें आईं, लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी और एक पेड़ को पकड़ लिया। डेढ़ घंटे तक मैं वहीं फंसा रहा। बाद में सेना की दूसरी टुकड़ी मुझे ढूंढते हुए वहां पहुंची और बाहर निकाला।”
बहनों की दुआओं से मिली जिंदगी
सोनू ने बताया कि उनकी बड़ी बहन सुषमा और छोटी बहन सोनाली कई दिनों से उन्हें रक्षाबंधन पर घर आने के लिए कह रही थीं, लेकिन छुट्टी न मिलने के कारण वे नहीं जा सके। सोनू कहते हैं, “मुझे लगता है कि मेरी बहनों की लंबी उम्र की दुआओं का असर है कि मैं आज जिंदा हूं। मैं रक्षाबंधन पर नहीं जा पाऊंगा, लेकिन दिवाली पर घर जरूर लौटूंगा।”
लापता साथी और बढ़ती चिंता
सोनू की टुकड़ी के नौ जवान अब भी लापता हैं, जिनमें एक सूबेदार और एक हवलदार शामिल हैं। रेस्क्यू टीमें लगातार तलाश में जुटी हुई हैं, लेकिन तेज बहाव और मलबे के कारण अभियान बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है।
धराली आपदा का पृष्ठभूमि
5 अगस्त को हुई इस आपदा में अचानक मलबा गिरने से हर्षिल नाला और भागीरथी नदी में पानी का बहाव खतरनाक स्तर तक बढ़ गया था। कई इलाके जलमग्न हो गए और सेना समेत एनडीआरएफ की टीमें राहत कार्य में जुटीं।