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उत्तरकाशी: गंगनानी में सात हिस्सों में पहुंचा बेली ब्रिज, आज से युद्धस्तर पर निर्माण शुरू

तारीख: 8 अगस्त 2025 | उत्तरकाशी

उत्तरकाशी के आपदाग्रस्त धराली क्षेत्र में राहत और बचाव कार्यों की रफ्तार बढ़ाने के लिए गंगनानी में बेली ब्रिज का निर्माण कार्य शुक्रवार सुबह से शुरू हो गया है। बीआरओ (Border Roads Organisation) का पुराना पुल टूटने से धराली का संपर्क उत्तरकाशी से पूरी तरह कट गया था। अब बेली ब्रिज के 7 हिस्सों को कठिन मार्ग से होते हुए गंगनानी तक पहुंचाया गया है, जहां अगले ढाई दिनों में पुल खड़ा करने का लक्ष्य रखा गया है।

कठिन सफर, छह बड़े भूस्खलन क्षेत्र पार किए

गुरुवार सुबह करीब 9 बजे से बेली ब्रिज के हिस्सों को ट्रकों में लादकर गंगनानी पहुंचाने का काम शुरू हुआ। लेकिन 30–35 किलोमीटर के सफर में छह बड़े भूस्खलन जोनों और क्षतिग्रस्त सड़कों ने भारी चुनौती पेश की। कई जगह बीआरओ ने पहाड़ी काटकर सड़क की चौड़ाई बढ़ाई, तभी मशीनरी आगे बढ़ सकी।
गंगनानी में क्षतिग्रस्त पुल के पास 150 मीटर सड़क ध्वस्त थी, जिसे अस्थायी रूप से चौड़ा कर ट्रकों को रास्ता दिया गया। शाम तक बेली ब्रिज के सभी हिस्से गंतव्य तक पहुंच गए।

पुल के आयाम और निर्माण योजना

बीआरओ के सहायक अधिशासी अभियंता नंदलाल ने बताया कि बेली ब्रिज की लंबाई 30 मीटर और चौड़ाई 4.5 मीटर होगी। यह सिंगल-लेन पुल होगा, जिसका निर्माण 2–2.5 दिनों में पूरा करने का प्रयास है।
लोनिवि के अधीक्षण अभियंता हरीश पांगती और अधिशासी अभियंता अंदीप राणा ने कहा कि पुल तैयार होने के बाद धराली की कनेक्टिविटी बहाल हो जाएगी और राहत सामग्री तेजी से पहुंचाई जा सकेगी।

अधिकारियों ने मौके पर लिया जायजा

लोनिवि के अपर सचिव विनीत कुमार शुक्रवार सुबह टीम के साथ गंगनानी पहुंचे। उन्होंने बीआरओ और एसडीआरएफ के अधिकारियों से बैठक कर युद्धस्तर पर निर्माण कार्य करने के निर्देश दिए। साथ ही डबराणी के पास क्षतिग्रस्त सड़क को भी पुल निर्माण से पहले बहाल करने के आदेश दिए, ताकि सामग्री की सप्लाई में बाधा न आए।

इस पुल के तैयार होने के बाद न सिर्फ धराली से संपर्क बहाल होगा, बल्कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास कार्य भी तेज हो पाएंगे।

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