22 अगस्त 2025, उत्तरकाशी।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री हाईवे पर स्यानाचट्टी के पास बनी झील ने हालात बिगाड़ दिए हैं। कुपड़ा खड्ड में मलबा और बड़े पत्थर आने से यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ गया, जिससे स्यानाचट्टी पूरा जलमग्न हो गया।
पानी के बीच खड़े होकर ग्रामीणों का प्रदर्शन
शुक्रवार को ग्रामीणों ने जलमग्न यमुनोत्री पुल के पास खड़े होकर प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। प्रभावित लोगों ने जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए नारेबाजी की। आक्रोशित ग्रामीणों के तेवर देख प्रशासनिक अफसरों के हाथ-पैर फूल गए।

राफ्ट से पहुंचे डीएम, झेलना पड़ा विरोध
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डीएम, विधायक और जिला पंचायत अध्यक्ष राफ्ट के जरिए प्रभावित क्षेत्र में पहुंचे। हालांकि वहां उन्हें ग्रामीणों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। इस दौरान डीएम ने लोगों को भरोसा दिलाया कि झील को जल्द खोलने और हर संभव मदद पहुंचाने के प्रयास जारी हैं।
झील खोलने के प्रयास जारी
झील के एक हिस्से को सुरक्षित तरीके से खोलने के लिए पीडब्ल्यूडी, एसडीआरएफ, सिंचाई विभाग और अन्य एजेंसियां लगातार जुटी हैं। राहत की बात यह है कि पिछले एक घंटे में झील का जलस्तर लगभग दो फीट कम हुआ है।

सीएम धामी ने दिए निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन को निर्देश दिए हैं कि जिला प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर झील से सुरक्षित जल निकासी और चैनलाइजेशन की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए।
गुरुवार को फिर बढ़ा जलस्तर
गौरतलब है कि गुरुवार को यमुनोत्री हाईवे पर स्यानाचट्टी के पास कुपड़ा खड्ड में मलबा और पत्थर गिरने से यमुना नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया था। इसके चलते स्यानाचट्टी के घरों और होटलों में पानी भर गया और अफरा-तफरी मच गई।

300 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया
हालात की गंभीरता देखते हुए प्रशासन और पुलिस ने स्यानाचट्टी, कुथनौर और खराड़ी क्षेत्रों के सभी भवनों और होटलों को खाली करा लिया। अब तक लगभग 300 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा चुका है।
- यह संकट लगातार प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है, वहीं स्थानीय लोग जल्द राहत और स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं।