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उत्तरकाशी: धराली गांव में आपदा पीड़ितों को सहायता पहुंचाने का मानवीय प्रयास, देहरादून से पहुंचे संगठनों ने किया राहत कार्य

दिनांक: 25 सितंबर 2025
स्थान: उत्तरकाशी, धराली गांव


आपदा पीड़ितों के प्रति मानवीय संवेदना का प्रकाश, राहत और सहयोग का सिलसिला

05 अगस्त 2025 को उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में प्राकृतिक आपदा से प्रभावित पीड़ितों से मिलने और आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए एक मानवीय मिशन का आयोजन हुआ। इस आयोजन में श्री बद्रीश कॉलोनी कल्याण समिति, देहरादून और पूर्व सैनिक सहयोग संगठन, देहरादून के प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया। दोनों संगठनों ने मिलकर आपदा पीड़ितों के बीच राहत सामग्री और आर्थिक सहायता का वितरण किया।


आर्थिक मदद का वितरण, आश्रितों और मकान मालिकों को राहत

संबंधित संगठनों ने हर मृतक आश्रित को ₹2000/- की नकद राशि के चेक वितरित किए। इसके अतिरिक्त, पूरी तरह से क्षतिग्रस्त मकान वाले पीड़ितों को ₹1300/- के चेक भी प्रदान किए गए। इस सहायता में कुल 32 पीड़ितों को चेक प्रदान किए गए, साथ ही एक व्यक्ति को GPay के माध्यम से वित्तीय मदद दी गई। राहत कार्य में शामिल प्रतिनिधियों ने कहा कि यह प्रयास सरकार या संस्थान की जिम्मेदारी से कहीं अधिक मानवता का परिचायक है।


संगठन के सदस्यों ने दी जानकारी, संगठनात्मक प्रयासों का जिक्र

श्री बद्रीश कॉलोनी कल्याण समिति, देहरादून के अध्यक्ष और पूर्व सैनिक सहयोग संगठन, देहरादून के सचिव श्री चित्रपाल सजवाण ने जानकारी दी कि वह 09 अगस्त 2025 को धराली गांव पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि आपदा के बाद स्थिति देखकर, उन्होंने अपनी समिति और संगठन से तत्काल आर्थिक सहायता की मांग की थी।

समिति के कोषाध्यक्ष श्री अशोक बलूनी ने कहा, “आपदा के समय में सभी को एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए। यह मानवता का धर्म है।”

पूर्व सैनिक संगठन के वरिष्ठ संरक्षक श्री शंकर जोशी ने कहा, “स्वतंत्रता के बाद से ही पूर्व सैनिक प्रदेश की सुरक्षा का जिम्मा उठाते आए हैं। आज भी, इस दुख की घड़ी में हम सभी पीड़ितों के साथ खड़े हैं।”

इस राहत कार्य में कैप्टन शशी कपूर, युवा मंगल दल के अध्यक्ष सौरव पंवार और अन्य पदाधिकारी भी शामिल रहे।


समाप्ति और निष्कर्ष

उत्तरकाशी के धराली गांव में इस मानवीय पहल ने साबित कर दिया कि जब समाज और संगठन साथ मिलकर काम करते हैं, तो आपदाओं के समय में भी आशा और शांति का माहौल कायम किया जा सकता है। संगठन एवं समाज के इन प्रयासों से पीड़ितों को राहत मिली है और मानवीय मूल्यों का उत्साहवर्धन हुआ है।

यह घटना समाज में आपदा में सहयोग और मानवता की भावना को मजबूत करने का उदाहरण है। सरकार एवं संबंधित संस्थानों को भी इस तरह के प्रयासों को प्रोत्साहन देना चाहिए, ताकि भविष्य में आपदाओं से निपटने का सामूहिक प्रयास और मजबूत हो सके।

आशा करते हैं कि ऐसी मानवीय पहल निरंतर जारी रहेगी, और हर पीड़ित को मदद पहुंचाने का यह सिलसिला यूं ही चलता रहेगा।

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