स्थान: देहरादून | तारीख: 16 जुलाई 2025
कांग्रेस में अनुशासनहीनता पर गिरी गाज
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए गए तीन नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। यह कार्रवाई कांग्रेस की अनुशासन समिति की अनुशंसा पर की गई, जिसमें नेताओं की प्राथमिक सदस्यता छह वर्षों के लिए समाप्त कर दी गई है।
कौन-कौन हुए निष्कासित?
- कीरत सिंह रावत – ब्लॉक अध्यक्ष, पोखड़ा
- चतर सिंह रावत – पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष, खिर्सू
- सुलेमान अली – पूर्व प्रदेश प्रवक्ता
क्या थे आरोप?
- कीरत सिंह रावत:
पार्टी द्वारा समर्थित प्रत्याशी घोषित होने के बावजूद, उन्होंने विपक्षी उम्मीदवार के समर्थन में अपना नामांकन वापस ले लिया, जिसे पार्टी ने गंभीर अनुशासनहीनता माना।
- चतर सिंह रावत:
उन्होंने कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी के खिलाफ स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का फैसला किया, जिससे पार्टी की चुनावी रणनीति को नुकसान पहुंचा।
- सुलेमान अली:
लंबे समय से पार्टी के खिलाफ विवादित और आलोचनात्मक बयान दे रहे थे, जिससे संगठन की छवि को आघात पहुंचा।
कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा का कड़ा संदेश
“कांग्रेस एक अनुशासित संगठन है। अनुशासनहीनता किसी भी स्तर पर स्वीकार नहीं की जाएगी। पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
— करन माहरा, अध्यक्ष, उत्तराखंड कांग्रेस
अनुशासन समिति का सख्त रुख
प्रदेश कांग्रेस की अनुशासन समिति ने स्पष्ट किया कि पार्टी की संगठनात्मक मजबूती और नैतिक अनुशासन बनाए रखने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
यह निर्णय आने वाले समय में अन्य कार्यकर्ताओं और नेताओं के लिए चेतावनी के रूप में भी देखा जा रहा है।
राजनीतिक हलकों में हलचल
कांग्रेस की इस बड़ी कार्रवाई ने राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज कर दी हैं। आने वाले पंचायत और निकाय चुनावों से पहले इस कदम को “संघटनात्मक सफाई” के रूप में देखा जा रहा है।