हरिद्वार। उत्तराखंड सरकार ने राज्य की पहली “मेडिसिटी” (Medicity) की नींव हरिद्वार में रख दी है। राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को नई ऊंचाई देने वाली इस मेगा परियोजना का पहला चरण—हरिद्वार मेडिकल कॉलेज का निर्माण—सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। अब परियोजना के दूसरे चरण में सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, नर्सिंग कॉलेज, पैरामेडिकल कॉलेज और वैलनेस सेंटर की स्थापना का प्रस्ताव है।
इस मल्टी-फेस्ड हेल्थ हब को सरकार ने एक “गेमचेंजर योजना” करार दिया है, जिससे प्रदेश को स्वास्थ्य, रोजगार और आर्थिक विकास तीनों ही मोर्चों पर बड़ा लाभ मिलने की उम्मीद है।
पहले चरण की सफलता: हरिद्वार मेडिकल कॉलेज तैयार
राज्य सरकार ने हरिद्वार में एक नया मेडिकल कॉलेज बनवाया है, जिसे पहले PPP (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर संचालित करने की योजना थी। लेकिन पिछली बार शुल्क विवाद को देखते हुए, सरकार ने कॉलेज का संचालन खुद अपने हाथ में लेने का निर्णय किया। इस कॉलेज में इस वर्ष भी 100 सीटों पर MBBS पाठ्यक्रम के लिए प्रवेश प्रक्रिया चल रही है।
अब इस कॉलेज को भविष्य में किस मॉडल पर संचालित किया जाए, इस पर स्वास्थ्य विभाग में विचार-विमर्श चल रहा है।
दूसरे चरण की भव्य योजना: हरिद्वार बनेगा हेल्थ केयर हब
दूसरे चरण में इस क्षेत्र को पूर्ण मेडिसिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। योजना के तहत निम्न सुविधाएं प्रस्तावित हैं:
- सुपर स्पेशलिटी अस्पताल
- नर्सिंग कॉलेज
- पैरामेडिकल कॉलेज
- वैलनेस सेंटर
इस पूरे प्रोजेक्ट को राजस्व साझेदारी मॉडल (Revenue Sharing Model) पर विकसित किया जाएगा और इसे 15 वर्षों की समयसीमा में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
अनुमानित लाभ:
- रोजगार सृजन: 5000 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की संभावना
- आर्थिक प्रभाव: अनुमानतः 6500 करोड़ रुपये का वार्षिक आर्थिक प्रभाव
- लाभार्थी क्षेत्र: न सिर्फ हरिद्वार, बल्कि उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिले भी इस मेडिसिटी से लाभान्वित होंगे
मुख्यमंत्री धामी की प्राथमिकता
हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में इस मेडिसिटी प्रोजेक्ट को प्राथमिकता देते हुए “गेमचेंजर” योजना घोषित किया गया। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मेडिसिटी के दूसरे चरण को शीघ्रता से क्रियान्वित किया जाए और इसमें गुणवत्ता, कार्यकुशलता और जनहित को प्राथमिकता दी जाए।
उत्तराखंड के लिए नया अध्याय
राज्य सरकार का मानना है कि यह परियोजना केवल एक स्वास्थ्य परियोजना नहीं, बल्कि भविष्य के उत्तराखंड की रीढ़ साबित हो सकती है। इस पहल से राज्य न केवल चिकित्सा शिक्षा और सेवा में आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि स्वास्थ्य पर्यटन (Wellness Tourism) के एक नए केंद्र के रूप में भी उभरेगा।
निष्कर्ष:
हरिद्वार में बन रही यह मेडिसिटी उत्तराखंड को एक चिकित्सा, रोजगार और आर्थिक समृद्धि का केंद्र बनाने की ओर बढ़ाया गया अहम कदम है। यदि योजना निर्धारित समयसीमा में पूरी होती है, तो यह उत्तर भारत के प्रमुख हेल्थ केयर हब के रूप में हरिद्वार को स्थापित कर सकती है।