देहरादून, 29 अगस्त
उत्तराखंड के युवाओं के लिए विदेश में रोजगार के नए रास्ते खुलने जा रहे हैं। राज्य सरकार और जर्मनी के इनोवेशन हब राइन-माइन के बीच एक महत्वपूर्ण समझौते (लेटर ऑफ इंटेंट) पर हस्ताक्षर किए गए। इस करार का उद्देश्य प्रदेश के कुशल युवाओं को स्वास्थ्य, ऑटोमोबाइल, व्यावसायिक प्रशिक्षण, हाइड्रोजन और नवीकरणीय ऊर्जा तकनीक सहित स्टार्टअप क्षेत्रों में रोजगार से जोड़ना है।
धामी बोले– युवाओं को रोजगार से जोड़ने की दिशा में बड़ा कदम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में हुए इस समझौते को उन्होंने राज्य के युवाओं के लिए “अवसरों का नया द्वार” बताया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है और सरकार लगातार युवाओं के कौशल विकास पर ध्यान दे रही है।
धामी ने यह भी कहा कि विभिन्न देशों की मांग के अनुरूप युवाओं को ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि उन्हें वैश्विक स्तर पर रोजगार के अवसर मिल सकें। इसके साथ ही राज्य सरकार विदेशी भाषाओं के प्रशिक्षण की व्यवस्था भी कर रही है, जिससे अब तक कई युवाओं को विदेशों में रोजगार मिला है।
समझौते से खुलेंगे ये अवसर
इस करार के तहत उत्तराखंड के युवा जर्मनी में निम्नलिखित क्षेत्रों में रोजगार और प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे–
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स्वास्थ्य सेवाएं
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ऑटोमोबाइल सेक्टर
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व्यावसायिक प्रशिक्षण
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हाइड्रोजन और नवीकरणीय ऊर्जा तकनीक
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नवाचार आधारित स्टार्टअप्स
समारोह में कई दिग्गज हुए शामिल
देहरादून में हुए इस कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा, प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगौली, विनय शंकर पांडेय और सी. रविशंकर मौजूद रहे।
वहीं जर्मनी की ओर से राउनहाइम के मेयर डेविड रेंडल, जर्मनी के विदेशी निवेश प्रकोष्ठ के सलाहकार सौरभ भगत और इनोवेशन हब राइन-माइन के सीईओ स्टीफन विट्टेकिंड शामिल हुए।
सरकार का लक्ष्य – कौशल और भाषा प्रशिक्षण से सशक्त युवा
धामी सरकार का मानना है कि विदेशी रोजगार के अवसर युवाओं को न केवल आत्मनिर्भर बनाएंगे, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देंगे। सरकार पहले ही युवाओं को विदेशी भाषाओं में प्रशिक्षित करने का काम शुरू कर चुकी है और यह करार उसी दिशा में एक और ठोस कदम माना जा रहा है।