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उत्तराखंड के युवाओं को बड़ा तोहफ़ा: अब मुफ्त में कराएं अपने आइडिया का पेटेंट

Uttarakhand News | Date: 22 सितंबर 2025 | स्थान: देहरादून

यूकास्ट की अनोखी पहल

उत्तराखंड के युवा उद्यमियों और नवाचार करने वालों के लिए अब खुशखबरी है। उत्तराखंड स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी (यूकास्ट) ने घोषणा की है कि प्रदेश के युवा अब अपने नए आइडिया और तकनीकी आविष्कारों को फ्री में पेटेंट करा सकेंगे। यह सुविधा राज्यभर के यूकास्ट पेटेंट सेंटरों के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी।


युवाओं को मिलेगा नवाचार का मंच

युवा यदि कोई तकनीकी समाधान, मशीन, या नया आविष्कार तैयार करते हैं तो उन्हें अब पेटेंट की जटिल प्रक्रिया और खर्च की चिंता नहीं करनी होगी। यूकास्ट की इस पहल से न केवल उनकी प्रतिभा को पहचान मिलेगी, बल्कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नई संभावनाएं भी खुलेंगी।


पंजाब नेशनल बैंक का सहयोग

यूकास्ट और पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने युवाओं को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए एक समझौता किया है। इस साझेदारी के तहत युवाओं और महिला उद्यमियों को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा।


शुरू होंगे रोजगारोन्मुखी कोर्स

दोनों संस्थानों ने तय किया है कि युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें शामिल हैं:

  • ऑर्गेनिक फार्मिंग

  • नर्सरी विकास

  • कंप्यूटर एकाउंटिंग

  • सीसीटीवी इंस्टॉलेशन

  • मोटर मैकेनिक

  • यूपीएस और बैटरी मेंटेनेंस

इन कोर्सों का समय, पाठ्यक्रम और प्रतिभागियों की संख्या को लेकर विस्तृत कार्ययोजना जल्द तैयार की जाएगी।


ग्रामीण और महिला उद्यमियों पर खास फोकस

यूकास्ट और PNB का यह प्रयास खासतौर पर ग्रामीण युवाओं और महिला उद्यमियों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। इसका उद्देश्य उन्हें वैज्ञानिक और तकनीकी कौशल से लैस कर आत्मनिर्भर बनाना है।


यूकास्ट का बयान

यूकास्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने कहा,
“प्रदेश के युवा और उद्यमी यदि कोई तकनीकी विकसित करते हैं या नवाचार करते हैं तो वे यूकास्ट के किसी भी पेटेंट सेंटर में जाकर आसानी से पेटेंट फाइल करा सकते हैं। संस्थान हर स्तर पर पूरा सहयोग करेगा।”


निष्कर्ष

उत्तराखंड सरकार और यूकास्ट की यह पहल न केवल राज्य के युवाओं के लिए रोजगार और नवाचार के नए द्वार खोलेगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने में भी मील का पत्थर साबित होगी। इससे राज्य के युवाओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी की मुख्यधारा से जोड़कर आत्मनिर्भरता और नवाचार की दिशा में बड़ा कदम उठाया जाएगा।

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