Bagless Day उत्तराखंड के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में इस सत्र से बैगलेस डे लागू किया गया है। हर महीने एक दिन छात्र बिना बैग के स्कूल जाएंगे और पढ़ाई के बजाय रचनात्मक गतिविधियों में भाग लेंगे। शिक्षा विभाग ने इसके लिए गतिविधि पुस्तिका तैयार की है। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इस योजना की घोषणा की।
गुरुवार को राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के सभागार में विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में बैगलेस-डे को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें राज्य में संचालित विभिन्न विद्यालयी बोर्डों के प्रतिनिधियों, विभागीय अधिकारियों एवं निजी स्कूल संचालकों ने प्रतिभाग किया।
बैगलेस-डे लागू किए जाने की घोषणा
कार्यशाला में नई शिक्षा नीति-2020 की अनुशंसा के अनुरूप राज्यभर में संचालित सभी विद्यालयी शिक्षा बोर्डों के समस्त राजकीय एवं निजी विद्यालयों में इसी सत्र से बैगलेस-डे लागू किए जाने की घोषणा की।गतिविधि पुस्तिका सभी शिक्षा बोर्डों सीबीएसई, आइसीएसई, भारतीय शिक्षा बोर्ड, संस्कृत शिक्षा, मदरसा बोर्ड आदि को ई-फार्मेट सहित उपलब्ध करा दी जाएगी। इसके इतर सभी बोर्ड इस दिवस पर अपने-अपने विद्यालयों में अन्य बेहतर गतिविधियों का भी संचालन कर सकते हैं। इस व्यवस्था को प्रदेशभर में लागू किया जाएगा।
राज्य स्तर पर महानिदेशक शिक्षा नोडल अधिकारी रहेंगे। कार्यशाला में निजी एवं राजकीय विद्यालयों में बस्ते का बोझ कम करने पर भी चर्चा की गई। जिसको आगामी जुलाई माह से लागू करने पर सहमति बनी।
छात्रहित में बैगलेस-डे
इस मौके पर संस्कृत शिक्षा सचिव दीपक गैरोला, सीबीएसई बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डा. मनोज, निजी विद्यालय संगठन के अध्यक्ष प्रेम कश्यप एवं राकेश ओबेराय ने बैगलेस-डे को छात्रहित में बताते हुए शिक्षा मंत्री की सराहना की। कार्यशाला में विभागीय सचिव रविनाथ रमन, मिशन निदेशक एनएचएम स्वाती एस भदौरिया, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा झरना कमठान, माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. मुकुल कुमार सती आदि मौजूद रहे।