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उत्तराखंड कैबिनेट का बड़ा फैसला: विवाह पंजीकरण की समय सीमा अब एक साल, UCC में दंड का प्रावधान जोड़ा जाएगा

देहरादून, 18 अगस्त 2025 – उत्तराखंड कैबिनेट ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) से जुड़े एक अहम प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब विवाह पंजीकरण की समय सीमा को 6 महीने से बढ़ाकर एक साल कर दिया गया है। साथ ही समय सीमा समाप्त होने के बाद जुर्माना या दंड का प्रावधान भी जोड़ा जाएगा।

विधानसभा में आएगा संशोधन विधेयक

राज्य सरकार मानसून सत्र में समान नागरिक संहिता (संशोधन) विधेयक-2025 विधानसभा के पटल पर रखेगी। इसमें जुलाई में लाए गए अध्यादेश को कानून में तब्दील करने का प्रावधान है। अध्यादेश के जरिए ही सरकार ने विवाह पंजीकरण की समय सीमा बढ़ाने का निर्णय लागू किया था।

संशोधित विधेयक के अनुसार, 26 मार्च 2020 से अधिनियम लागू होने के बाद किए गए विवाहों में पंजीकरण की समय सीमा अब एक साल होगी। यदि कोई इस अवधि में विवाह पंजीकरण नहीं कराता है तो उस पर दंड या जुर्माना लगाया जाएगा।

अपील और शुल्क व्यवस्था भी तय

कैबिनेट ने यह भी तय किया है कि पंजीकरण से जुड़ी अपीलें सब-रजिस्ट्रार के समक्ष होंगी। इसके साथ ही शुल्क और पेनल्टी की स्पष्ट व्यवस्था विधेयक में शामिल की गई है।

व्यावहारिक दिक्कतें होंगी दूर

समान नागरिक संहिता समिति की संस्तुतियों के आधार पर एक्ट में संशोधन कर उन प्रावधानों को दुरुस्त किया गया है, जिनसे व्यावहारिक परेशानियां सामने आ रही थीं।

  • पहले जहां दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) लिखा था, उसे सुधारकर अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) किया गया है।
  • कई जगहों पर “शुल्क” शब्द लिखा गया था, जिसे अब सही करके “पेनल्टी” लिखा जाएगा।

क्यों महत्वपूर्ण है यह बदलाव?

सरकार का मानना है कि विवाह पंजीकरण की अवधि बढ़ने से लोगों को पर्याप्त समय मिलेगा और प्रक्रिया अधिक पारदर्शी व सुविधाजनक बनेगी। साथ ही देर से पंजीकरण करने वालों पर जुर्माना लगाकर नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।

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