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उत्तराखंड को खनन तत्परता सूचकांक में देश में दूसरा स्थान, मिलेगी 100 करोड़ की प्रोत्साहन राशि

देहरादून, 17 अक्टूबर 2025


खनन क्षेत्र में उत्तराखंड का शानदार प्रदर्शन
उत्तराखंड ने खनन मंत्रालय द्वारा जारी राज्य खनन तत्परता सूचकांक (State Mining Readiness Index – SMRI) में देशभर में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। केंद्र सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना में राज्य को श्रेणी-सी में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है। इसके साथ ही, उत्तराखंड को 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि भी मिलने जा रही है।


क्या है राज्य खनन तत्परता सूचकांक (SMRI)?
खनन मंत्रालय के अनुसार, राज्य खनन तत्परता सूचकांक केंद्र सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य राज्य स्तर पर खनन क्षेत्र में पारदर्शिता, दक्षता और सुधार को प्रोत्साहित करना है।
इस सूचकांक के तहत, राज्यों को उनकी खनिज संपदा और खनन प्रबंधन क्षमता के आधार पर तीन श्रेणियों — A, B और C — में बांटा गया है। उत्तराखंड को श्रेणी ‘C’ में रखा गया है।


कैसे हुआ मूल्यांकन?
खनन मंत्रालय ने इस योजना के अंतर्गत सभी राज्यों से निर्धारित प्रारूप में विस्तृत जानकारी मांगी थी। इसमें शामिल थे:

  • खनन लॉट्स के आवंटन हेतु ई-निविदा प्रक्रिया

  • आशय पत्र (Letter of Intent) निर्गमन

  • खनन योजना अनुमोदन

  • पर्यावरणीय स्वीकृति

  • खनन पट्टा स्वीकृति

  • राजस्व वृद्धि और रिपोर्टिंग

इन सभी बिंदुओं पर राज्यों के प्रदर्शन को तय समयसीमा में पूरा करने के आधार पर अंक प्रदान किए गए। उत्तराखंड ने अधिकतर कार्य समय पर पूरे कर, मजबूत प्रशासनिक क्षमता का परिचय दिया।


देशभर की रैंकिंग में उत्तराखंड आगे
खनन मंत्रालय द्वारा जारी रैंकिंग में:

  • श्रेणी-A में मध्य प्रदेश प्रथम स्थान पर रहा।

  • श्रेणी-B में गोवा शीर्ष पर रहा।

  • श्रेणी-C में पंजाब, उत्तराखंड और त्रिपुरा को प्रमुख स्थान मिला, जिनमें उत्तराखंड दूसरे स्थान पर रहा।


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दी प्रतिक्रिया
राज्य की उपलब्धि पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि,

“प्रदेश के राजस्व में खनन का अहम योगदान है। हमारी सरकार ने पर्यावरण के अनुकूल और वैधानिक खनन को बढ़ावा दिया है। अवैध खनन पर सख्ती, पारदर्शी प्रक्रियाओं और कर चोरी पर रोक लगाने के परिणामस्वरूप उत्तराखंड को यह सफलता मिली है।”

उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार की खनन रैंकिंग में यह उपलब्धि राज्य की नीतिगत पारदर्शिता और टीमवर्क का परिणाम है।


निष्कर्ष
उत्तराखंड का यह प्रदर्शन न केवल खनन क्षेत्र में राज्य की तत्परता को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि सही नीतियों और सख्त क्रियान्वयन से आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण दोनों में संतुलन संभव है।
100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि से राज्य में खनन से जुड़ी व्यवस्थाओं को और अधिक आधुनिक, पारदर्शी और टिकाऊ बनाने की दिशा में तेजी आएगी।

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