देहरादून/वाराणसी | 25 जून 2025
उत्तराखंड में जलवायु परिवर्तन के गहराते प्रभावों और प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती आशंका के मद्देनजर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में उच्च स्तरीय ग्लेशियर अध्ययन केंद्र की स्थापना की मांग उठाई है। मंगलवार को वाराणसी में आयोजित मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री ने यह मामला केंद्र सरकार के समक्ष रखा।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की संवेदनशील भौगोलिक परिस्थितियों, वन संपदा और जलवायु विविधता को देखते हुए यह केंद्र न केवल राज्य बल्कि पूरे देश के लिए लाभकारी सिद्ध होगा।
क्यों जरूरी है ग्लेशियर अध्ययन केंद्र?
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य का लगभग 80% हिस्सा पर्वतीय है और 71% क्षेत्र वनाच्छादित है। ऐसे में ग्लेशियरों के पिघलने, भूस्खलन, बादल फटने जैसी प्राकृतिक आपदाओं से राज्य की आर्थिक और सामाजिक गतिविधियां बार-बार प्रभावित होती हैं।
उन्होंने केंद्र से तकनीकी सहयोग के साथ-साथ जैव विविधता संरक्षण संस्थान की स्थापना की भी मांग की, जिससे राज्य के संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा की जा सके।
साहसिक पर्यटन और रोजगार पर फोकस
सीएम धामी ने बैठक में अंतरराष्ट्रीय साहसिक खेल प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना के लिए भी सहयोग मांगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में पर्वतारोहण, ट्रैकिंग, रिवर राफ्टिंग जैसी गतिविधियों की अपार संभावनाएं हैं। ऐसे केंद्र के जरिए स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार के अवसर दिए जा सकते हैं।
नीतिगत सहयोग और ढांचागत मांगें
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के बेहतर संचालन के लिए अतिरिक्त सहायता की भी मांग की। साथ ही उन्होंने नीतिगत प्रावधानों में शिथिलता देने की बात कही जिससे पर्वतीय क्षेत्रों में योजनाओं के क्रियान्वयन को आसान बनाया जा सके।
सुशासन और विकास के संकेतक में उत्तराखंड आगे
सीएम धामी ने अपने संबोधन में राज्य की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा:
- वर्ष 2023-24 की एसडीजी रैंकिंग में उत्तराखंड ने देश में पहला स्थान प्राप्त किया।
- केयर एज रेटिंग रिपोर्ट में उत्तराखंड को सुशासन और वित्तीय प्रबंधन में छोटे राज्यों की श्रेणी में दूसरा स्थान मिला है।
- सीमित संसाधनों के बावजूद राज्य की अर्थव्यवस्था में लगभग डेढ़ गुना की वृद्धि हुई है।
राज्य में लाए गए ऐतिहासिक कानून
मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तराखंड सरकार ने बीते वर्षों में कई ऐतिहासिक कानून लागू किए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- समान नागरिक संहिता (UCC)
- सख्त नकल विरोधी कानून
- मतांतरण विरोधी कानून
- दंगारोधी कानून
- नया भू-कानून
साथ ही देश की पहली योग नीति भी उत्तराखंड में शुरू की गई है। इसके साथ-साथ स्प्रिचुअल इकोनॉमिक ज़ोन की स्थापना कर आयुर्वेद, योग और आध्यात्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
केंद्र सरकार से मिल रहा सहयोग
सीएम धामी ने केंद्र सरकार के प्रति आभार जताते हुए कहा कि राज्य को लगातार नीतिगत और वित्तीय सहयोग प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि मध्य क्षेत्रीय परिषद जैसी बैठकों से सहकारिता, सुरक्षा और क्षेत्रीय समन्वय को नई दिशा मिल रही है।
निष्कर्ष:
मुख्यमंत्री धामी द्वारा उठाई गई ये पहलें उत्तराखंड के सतत विकास, पर्यावरण संरक्षण और पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था को नया आयाम दे सकती हैं। अब देखना होगा कि केंद्र सरकार इस दिशा में कितनी तेज़ी से कदम उठाती है।