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उत्तराखंड पंचायत चुनाव 2025: कांग्रेस को मिली नई संजीवनी, 138 सीटों पर समर्थित प्रत्याशियों की जीत से खिला सियासी चेहरा

देहरादून, 2 अगस्त 2025

लोकसभा और विधानसभा में पराजय का दर्द झेल रही कांग्रेस के लिए उत्तराखंड के पंचायत चुनाव 2025 नई ऊर्जा और उम्मीद की बयार लेकर आए हैं। पार्टी ने दावा किया है कि राज्य की 358 जिला पंचायत सीटों में से जिन 198 पर कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार मैदान में थे, उनमें से 138 सीटों पर जीत मिली है। यह परिणाम कांग्रेस के लिए न सिर्फ आत्मविश्वास बढ़ाने वाला है, बल्कि 2027 की सत्ता वापसी की तैयारियों के लिए एक ठोस राजनीतिक संकेत भी।


पंचायत से मिली राहत की सांस

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नतीजे कांग्रेस के लिए बेहद अहम हैं। पार्टी के पास लंबे समय से जमीनी स्तर पर पकड़ मजबूत करने का कोई ठोस अवसर नहीं था। लेकिन इन चुनावों ने उसे जनमानस में पुनर्स्थापित होने का मौका दिया है। खास बात यह है कि ये नतीजे कांग्रेस को ऐसे समय में मिले हैं जब पार्टी लगातार चुनावी हारों से जूझ रही है।


राजनीतिक दिग्गजों ने दिखाया सक्रिय नेतृत्व

इन चुनावों में कांग्रेस नेतृत्व ने कोई कसर नहीं छोड़ी।

  • पौड़ी में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल,
  • चकराता में विधायक प्रीतम सिंह,
  • ऊधमसिंह नगर में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य,
  • अल्मोड़ा और नैनीताल में प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा,
  • और हरिद्वार में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत
    सभी ने जमीनी स्तर पर मोर्चा संभाला और कार्यकर्ताओं में जोश भरा।

इन चेहरों ने कांग्रेस को दी मजबूती

कांग्रेस के कई युवा और प्रभावशाली नेताओं ने इस चुनाव के ज़रिए अपने राजनीतिक करियर की मजबूत शुरुआत की है:

  • अभिषेक सिंह (विधायक प्रीतम सिंह के बेटे) ने पहली बार में ही जिला पंचायत सदस्य बनकर राजनीति में दस्तक दी।
  • अरविंद सिंह सजवाण (पूर्व मंत्री शूरबीर सिंह के पुत्र) क्षेत्र पंचायत सदस्य बने।
  • सुनीता कुंजवाल (गोविंद सिंह कुंजवाल की पुत्रवधू) ने भी जीत दर्ज की।
  • कविता डबराल, संजय किशोर, और श्याम सिंह चौहान जैसे चेहरों ने पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूती दी।

2019 की तुलना में बेहतर प्रदर्शन

पार्टी सूत्रों के अनुसार, 2019 के पंचायत चुनाव के मुकाबले इस बार कांग्रेस की स्थिति कहीं बेहतर रही है। जिला पंचायतों में सीटें बढ़ीं हैं, जो बताती हैं कि ग्रामीण मतदाताओं का रुझान पार्टी की ओर लौट रहा है।


भाजपा सरकार की नीतियों के खिलाफ जनादेश: कांग्रेस का दावा

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने पंचायत चुनाव के नतीजों को भाजपा की “जनविरोधी नीतियों” के खिलाफ जनादेश बताया। उन्होंने कहा:

“ग्रामीण जनता ने भाजपा के छल-प्रपंच और वादाखिलाफी को नकार दिया है। अगर भाजपा प्रलोभन और दबाव की राजनीति न करे, तो कई जिलों में कांग्रेस समर्थित जिला पंचायत अध्यक्ष बनेंगे। ये नतीजे 2027 के लिए रास्ता खोलते हैं।”


निष्कर्ष: कांग्रेस के लिए नए सियासी अध्याय की शुरुआत?

उत्तराखंड पंचायत चुनाव के ये नतीजे कांग्रेस के लिए केवल जीत नहीं, बल्कि जनसमर्थन की पुनर्प्राप्ति का संकेत हैं। युवाओं की भागीदारी, वरिष्ठ नेतृत्व की सक्रियता और ग्रामीण जनमानस का समर्थन—ये तीनों कारक 2027 के विधानसभा चुनाव की ओर कांग्रेस को नई रफ्तार देने वाले साबित हो सकते हैं।

अब देखना यह होगा कि क्या कांग्रेस इस संजीवनी को स्थायी ऊर्जा में बदल पाती है, या यह सिर्फ चुनावी जोश तक सीमित रहेगा।

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