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उत्तराखंड पंचायत चुनाव 2025: जिला पंचायत अध्यक्ष पदों पर OBC और SC को मिलेगा आरक्षण, ST को नहीं

देहरादून। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं और इसी क्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष पदों पर आरक्षण का फॉर्मूला तय कर दिया गया है। इस बार अनुसूचित जाति (SC) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को दो-दो पद आरक्षित किए गए हैं, जबकि अनुसूचित जनजाति (ST) को कम जनसंख्या के कारण कोई आरक्षण नहीं दिया गया है।

राज्य में कुल 13 जिला पंचायतें हैं, लेकिन इस बार हरिद्वार को छोड़कर शेष 12 जिलों में ही पंचायत चुनाव होने हैं। ऐसे में आरक्षण की गणना इन 12 जिलों को आधार बनाकर की गई है।

कैसे तय हुआ आरक्षण फॉर्मूला?

राज्य सरकार ने आरक्षण तय करने के लिए प्रत्येक जातीय वर्ग की जनसंख्या का आकलन कर राज्य की कुल जनसंख्या में उनका प्रतिशत निकाला और फिर उसे उपलब्ध अध्यक्ष पदों की संख्या से गुणा किया। इससे यह तय किया गया कि किन वर्गों को कितने पदों पर आरक्षण मिलेगा।

आरक्षण का बंटवारा इस प्रकार रहेगा:

  • जिला पंचायत अध्यक्ष (कुल 12 पद)

    • अनुसूचित जाति (SC) : 2 पद (1 महिला सहित)

    • अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) : 2 पद (1 महिला सहित)

    • अनुसूचित जनजाति (ST) : 0 पद

    • सामान्य वर्ग : शेष पद

  • ब्लॉक प्रमुख पद

    • अनुसूचित जनजाति (ST) : 3

    • अनुसूचित जाति (SC) : 18

    • OBC : 15

  • ग्राम प्रधान पद
    ब्लॉक की जनसंख्या के अनुसार आरक्षण तय किया गया:

    • अनुसूचित जनजाति : 226 पद

    • अनुसूचित जाति : 1467 पद

    • OBC : 1250 पद

महिलाओं को भी मिलेगा प्रतिनिधित्व

हर वर्ग में महिलाओं को भी प्रतिनिधित्व देने के उद्देश्य से अनुसूचित जाति और OBC वर्ग में एक-एक अध्यक्ष पद महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है। इससे महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

आरक्षण के खिलाफ आपत्ति दर्ज करने का मौका

शासन की ओर से जारी समय-सारिणी के तहत आरक्षण सूची पर यदि किसी को कोई आपत्ति है, तो वह खंड विकास अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी या जिलाधिकारी कार्यालय में आपत्ति दर्ज कर सकता है। जिलाधिकारी आवश्यक समझे जाने पर मौखिक सुनवाई भी कर सकते हैं।

कहां-कहां होगी आरक्षण सूची की सार्वजनिक जानकारी?

आरक्षण तय होने के बाद संबंधित पंचायत कार्यालयों, तहसीलों, जिला पंचायत राज अधिकारियों और जिलाधिकारियों के कार्यालयों में सूचना पटों पर इसका प्रदर्शन किया जाएगा। इससे आमजन को पारदर्शी तरीके से जानकारी प्राप्त हो सकेगी।

आरक्षण की तय क्रमानुसार श्रेणियां

  1. अनुसूचित जनजाति की महिलाएं

  2. अनुसूचित जनजाति

  3. अनुसूचित जाति की महिलाएं

  4. अनुसूचित जाति

  5. OBC महिलाएं

  6. OBC

  7. सामान्य महिलाएं

प्रशासनिक जिम्मेदारी भी तय

राज्य सरकार ने पंचायत चुनाव के सुचारु संचालन के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की भी नियुक्ति कर दी है:

  • जिला पंचायत : जिलाधिकारी

  • क्षेत्र पंचायत : उप जिलाधिकारी (SDM)

  • ग्राम पंचायत : सहायक खंड विकास अधिकारी


निष्कर्ष:
उत्तराखंड पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर पारदर्शी और जनसंख्या-आधारित व्यवस्था की गई है, जिसमें सामाजिक न्याय और महिला सशक्तिकरण दोनों को प्राथमिकता दी गई है। अब देखना होगा कि इन आरक्षण व्यवस्थाओं से स्थानीय नेतृत्व में कितनी विविधता और संतुलन आता है।

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