31 जुलाई को होगी मतगणना | महिला वोटरों की भागीदारी रही सबसे आगे
देहरादून/प्रदेशभर से रिपोर्ट | 29 जुलाई 2025
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में बारिश की परवाह किए बिना वोटरों ने भारी उत्साह दिखाया। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, दूसरे चरण में 70% मतदान हुआ — जो कि पहले चरण के 68% से अधिक है। सबसे बड़ी बात यह रही कि महिलाओं ने 74.50% भागीदारी के साथ पुरुषों से बढ़त बनाई।
बारिश बनी चुनौती, लेकिन रुका नहीं लोकतंत्र का उत्सव
- दूसरे चरण का मतदान सोमवार सुबह 8 बजे से शाम तक 40 विकासखंडों के 4709 मतदान केंद्रों पर शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।
- 21,57,199 पंजीकृत मतदाताओं में से बड़ी संख्या में लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
- पर्वतीय जिलों में रुक-रुक कर बारिश होती रही, लेकिन मतदाताओं का उत्साह कम नहीं हुआ।
- मतदान केंद्रों के बाहर लंबी कतारें दिखीं, खासकर ग्रामीण और महिला मतदाताओं में गजब का जोश देखने को मिला।
समय के साथ कैसे बढ़ा मतदान प्रतिशत
समय | मतदान प्रतिशत |
---|---|
सुबह 10 बजे तक | 12.42% |
दोपहर 12 बजे तक | 24.00% |
दोपहर 2 बजे तक | 41.95% |
शाम 4 बजे तक | 58.12% |
अंतिम आंकड़ा | 70.00% |
जिलावार मतदान प्रतिशत (देर शाम तक)
जिला | मतदान प्रतिशत |
---|---|
ऊधमसिंह नगर | 84.26% |
देहरादून | 77.25% |
नैनीताल | 76.07% |
उत्तरकाशी | 75.96% |
चंपावत | 70.21% |
पौड़ी गढ़वाल | 69.27% |
चमोली | 66.47% |
पिथौरागढ़ | 64.90% |
टिहरी | 60.05% |
अल्मोड़ा | 58.20% |
- सबसे अधिक मतदान: ऊधमसिंह नगर (84.26%)
- सबसे कम मतदान: अल्मोड़ा (58.20%)
कितने प्रत्याशियों की किस्मत हुई सील
- पहले चरण: 17,829 प्रत्याशी
- दूसरे चरण: 14,751 प्रत्याशी
अब इन उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा 31 जुलाई को सुबह 8 बजे से शुरू होने वाली मतगणना में।
क्या बोले राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार
“प्रदेशभर में चुनाव शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से संपन्न हुए हैं। महिला मतदाताओं की भागीदारी ने इस चुनाव को और खास बना दिया है।”
2019 बनाम 2025
- 2019 पंचायत चुनाव में मतदान – 69.59%
- 2025 का अब तक का औसत – पहले चरण (68%) + दूसरे चरण (70%)
उम्मीद है कि इस बार का आंकड़ा भी करीब-करीब 2019 के समान या उससे अधिक रहेगा।
उत्तराखंड पंचायत चुनाव का दूसरा चरण यह दर्शाता है कि राज्य की जनता लोकतंत्र को लेकर जागरूक और संकल्पित है। अब सभी की निगाहें 31 जुलाई की मतगणना पर टिकी हैं, जहां फैसला होगा गांव, पंचायत और विकासखंड के नए नेतृत्व का।