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उत्तराखंड पंचायत चुनाव 2025: प्रचार थमा, 497 पोलिंग पार्टियां रवाना, पहले चरण का मतदान 24 जुलाई को


तारीख: 22 जुलाई 2025 | उत्तराखंड


त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की उलटी गिनती शुरू

उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण की तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं। प्रचार का शोर मंगलवार शाम 5 बजे थम चुका है और अब चुनावी मैदान में बचे हैं सिर्फ डोर-टू-डोर प्रयास। राज्य चुनाव आयोग के मुताबिक, 24 जुलाई को पहले चरण का मतदान होगा, जिसके लिए चुनाव आयोग ने लॉजिस्टिक मोर्चे पर भी अपनी सक्रियता बढ़ा दी है।


पोलिंग पार्टियों की तैनाती जोरों पर

  • सोमवार को 8 पोलिंग पार्टियों को भेजा गया था।
  • मंगलवार को 497 पोलिंग टीमें रवाना की गईं।
  • बुधवार को 5300 से अधिक पोलिंग पार्टियां अपने-अपने मतदान केंद्रों के लिए निकलेंगी।

राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राहुल कुमार गोयल ने बताया कि सभी टीमें समय से पहले मतदान केंद्रों पर पहुंचेंगी ताकि किसी भी स्थिति में मतदान बाधित न हो।


पहले चरण में इतने प्रत्याशियों की किस्मत दांव पर

पहले चरण में कुल 17,829 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनके भाग्य का फैसला 24 जुलाई को मतपेटियों में कैद हो जाएगा।
पदवार आंकड़ा इस प्रकार है:

  • सदस्य ग्राम पंचायत: 2,247 पद
  • ग्राम प्रधान: 9,731 पद
  • सदस्य क्षेत्र पंचायत: 4,980 पद
  • सदस्य जिला पंचायत: 871 पद

प्रेक्षक मोर्चे पर, अब मैदान सिर्फ डोर-टू-डोर प्रचार का

मंगलवार शाम से माइक्रोफोन और मंच की राजनीति पर विराम लग चुका है। अब प्रत्याशी घर-घर संपर्क और व्यक्तिगत जनसंपर्क के जरिए वोटरों को साधने में लगे हैं। निर्वाचन आयोग के अनुसार, सभी पर्यवेक्षक मौके पर पहुंच चुके हैं, और मतदान प्रक्रिया की निगरानी कड़ी निगाहों से की जाएगी।


चुनावी निगरानी में बड़ी बरामदगी: 15.77 करोड़ की शराब और मादक पदार्थ जब्त

राज्य में चुनाव आयोग के निर्देश पर पुलिस और आबकारी विभाग की संयुक्त टीमें निगरानी में जुटी हैं। अब तक चलाए गए विशेष अभियानों में ₹15,67,77,096 की अवैध शराब, मादक पदार्थ और नकदी जब्त की जा चुकी है।

यह बरामदगी बताती है कि आयोग स्वच्छ और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठा रहा है।


अब आगे क्या?

  • 23 जुलाई: बची हुई पोलिंग पार्टियों की तैनाती
  • 24 जुलाई: मतदान का पहला चरण
  • सुरक्षा और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अर्धसैनिक बलों की तैनाती, संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथों की पहचान भी की जा चुकी है।

उत्तराखंड में लोकतंत्र का उत्सव शुरू हो चुका है। जनता अपने गांव, क्षेत्र और जिले के नेतृत्व का चुनाव करने जा रही है। आयोग से लेकर पुलिस और प्रशासन, सब तैयार हैं — अब बारी है मतदाताओं की।

“वोट करें, जिम्मेदारी निभाएं!”

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