22 जुलाई 2025 | देहरादून
वॉल्वो सेवा में संकट: अनुबंध खत्म, पांच बसों का संचालन बंद
उत्तराखंड परिवहन निगम की प्रीमियम वॉल्वो सेवा को अचानक झटका लगा है। दिल्ली और चंडीगढ़ मार्ग पर चलने वाली पांच वॉल्वो बसें बेड़े से बाहर हो चुकी हैं। अनुबंध समाप्त होने के बाद सोमवार से इन बसों का संचालन रोक दिया गया। इससे यात्रियों, विशेषकर प्रीमियम श्रेणी के यात्रियों, को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा।
दिल्ली रूट सबसे फायदे का, फिर भी लचर तैयारी
उत्तराखंड परिवहन निगम के लिए दून-दिल्ली मार्ग सबसे ज्यादा लाभदायक माना जाता है।
- दिल्ली रूट पर चलने वाली 27 में से चार वॉल्वो बसें बंद हो गईं।
- एक बस दून-पांवटा-चंडीगढ़ मार्ग पर थी, जिसे भी संचालन से हटा दिया गया।
- तीन अगस्त तक दो और वॉल्वो बसें अनुबंध की मियाद पूरी कर बेड़े से बाहर हो जाएंगी।
इस तरह दो सप्ताह के भीतर कुल सात बसों का संचालन बंद हो जाएगा, जबकि निगम नई बसों के अनुबंध को लेकर अब तक ठोस निर्णय नहीं ले सका है।
बिना तैयारी के अनुबंध समाप्त, नई वॉल्वो का अनुबंध अधर में
निगम प्रबंधन पहले भी BS-4 वॉल्वो बसों की जगह BS-6 बसों के अनुबंध का वादा कर चुका था।
लेकिन नौ महीनों में न तो नए अनुबंध हुए और न ही बीएस-6 बसें मैदान में उतरीं। नतीजा: संचालन में सीधा घाटा और यात्रियों की परेशानी।
वर्तमान वॉल्वो नेटवर्क: अब क्या बचा है?
मार्ग | पहले की बसें | अब चल रहीं |
---|---|---|
दून–दिल्ली (ISBT) | 27 | 23 |
दून–दिल्ली (गुरुग्राम) | 2 | 2 |
दून–पांवटा–चंडीगढ़ | 2 | 1 |
दून–कटरा, अमृतसर, टनकपुर | 1-1 | यथावत |
प्रभावित टाइमिंग्स – कौन-कौन सी बसें बंद हुईं?
- दून-दिल्ली:
- सुबह 8:30
- सुबह 10:30
- सुबह 11:30
- शाम 5:00
- दून–चंडीगढ़:
- दोपहर 12:30
- 3 अगस्त से हटेंगी:
- दिल्ली रूट की सुबह 9:30 और रात 11:30 वाली वॉल्वो
ऑनलाइन बुकिंग में भी असर
दिल्ली मार्ग की वॉल्वो बसें 100% तक ऑनलाइन बुक होती हैं। ऐसे में अचानक पांच बसें बंद होने से न केवल यात्रियों को असुविधा होगी, बल्कि राजस्व पर भी सीधा असर पड़ेगा।
निगम का पक्ष: अनुबंध पर काम जारी
“अनुबंध समाप्त होने के कारण पांच वॉल्वो बसें बाहर हो गई हैं। अगस्त में दो और बसें हटेंगी। नई बसों के अनुबंध की प्रक्रिया निगम मुख्यालय स्तर पर चल रही है।“
— राजीव गुप्ता, एजीएम, ग्रामीण डिपो
अब यात्रियों को करना पड़ेगा विकल्पों की तलाश
उत्तराखंड परिवहन निगम की वॉल्वो सेवा प्रीमियम यात्रियों की पहली पसंद रही है। अब बसों की संख्या घटने से यात्रियों को या तो प्राइवेट ऑपरेटरों पर निर्भर होना पड़ेगा या फिर कम सुविधाओं वाली बसों में यात्रा करनी होगी।
राज्य के सबसे व्यस्त रूट पर वॉल्वो बसों की कमी ने न केवल यात्रियों को झटका दिया है, बल्कि निगम की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। आने वाले दिनों में निगम की जवाबदेही और तत्परता की असली परीक्षा होगी।