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उत्तराखंड: ‘पहले आओ-पहले पाओ’ योजना फेल? अब सरकार खुद पहुंचेगी एकल महिलाओं के दरवाजे

देहरादून | 17 जुलाई 2025

“दो लाख का लोन, जिसमें 75% होगा माफ…” — इस लुभावने ऑफर के बावजूद उत्तराखंड की एकल महिला स्वरोजगार योजना को वो प्रतिक्रिया नहीं मिली, जिसकी उम्मीद की गई थी। राज्य सरकार ने योजना का पहला चरण 18 जून को शुरू किया था, लेकिन अब तक सिर्फ 23 आवेदन ही सामने आए हैं।


योजना क्या है?

  • ऋण राशि: ₹2 लाख
  • सरकारी सब्सिडी: 75% तक माफ (₹1.5 लाख तक की राहत)
  • उद्देश्य: विधवा, निराश्रित और एकल महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करना
  • लक्ष्य: इस वित्तीय वर्ष में कम से कम 2000 महिलाओं को लाभ

चौंकाने वाला आंकड़ा: सिर्फ 23 आवेदन

अब तक योजना के लिए केवल तीन जिलोंदेहरादून, पौड़ी और नैनीताल — से ही आवेदन आए हैं। बाकी 10 जिलों से एक भी आवेदन नहीं आया।

इस स्थिति को देखते हुए महिला सशक्तीकरण एवं बाल कल्याण विभाग ने रणनीति बदल दी है।


अब सरकारी कर्मचारी खुद पहुंचेंगे घर-घर

विभाग की निदेशक रंजना राजगुरु ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और मिशन शक्ति की टीमों को निर्देश दिए हैं कि:

  • घर-घर जाकर एकल महिलाओं को योजना की जानकारी दें
  • समाज कल्याण विभाग में पंजीकृत विधवा व निराश्रित महिलाओं से संपर्क करें
  • प्रत्येक बड़े जिले में 150 और छोटे जिले में 100 आवेदन का लक्ष्य पूरा करें

आवेदन कम आने के कारण

  • पंचायत चुनावों के चलते महिलाएं व्यस्त थीं
  • ग्रामीण क्षेत्रों में योजना की जानकारी की कमी
  • कुछ महिलाएं अभी भी सरकारी कर्ज योजनाओं से झिझकती हैं

सरकार की नई रणनीति

कार्यवाहीविवरण
डोर-टू-डोर कैंपेनआंगनबाड़ी और मिशन शक्ति कार्यकर्ता अब घर जाकर जानकारी देंगी
जागरूकता कार्यक्रमब्लॉक और पंचायत स्तर पर छोटे शिविर आयोजित होंगे
डेडलाइनयोजना की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 रखी गई है

पात्रता की पूरी जानकारी:

मापदंडविवरण
उम्र21 से 50 वर्ष
निवासउत्तराखंड की स्थायी निवासी महिला
आय सीमासालाना पारिवारिक आय ₹72,000 से अधिक नहीं
व्यवसाय प्रारंभमहिलाएं सिर्फ ₹25,000 से कारोबार शुरू कर सकती हैं, बाकी ₹1.75 लाख सरकार देगी

रेखा आर्या का लक्ष्य और विभाग की चिंता

योजना लॉन्च के समय महिला सशक्तीकरण मंत्री रेखा आर्या ने वादा किया था कि इस साल 2000 महिलाओं को लाभ दिया जाएगा और अगली बार संख्या बढ़ाई जाएगी।
लेकिन शुरुआत की सुस्ती को देखते हुए दूसरा चरण चुनौतीपूर्ण लग रहा है।


न्यूज पोर्टल विश्लेषण:

योजना का लाभ तो बहुत बड़ा है, लेकिन अगर इसकी जानकारी लोगों तक सही तरीके से नहीं पहुंचेगी, तो इसका असर नहीं दिखेगा।
अब देखना होगा कि घर-घर दस्तक देने की सरकारी पहल क्या महिलाओं को स्वरोजगार के लिए आगे ला पाएगी या योजना सिर्फ कागजों में ही दम तोड़ देगी।

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