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उत्तराखंड: बिजली दरों में नहीं होगी बढ़ोतरी, यूपीसीएल की पुनर्विचार याचिका खारिज

 

देहरादून, 5 सितंबर 2025

उत्तराखंडवासियों को बिजली की कीमतों में किसी प्रकार की बढ़ोतरी का सामना नहीं करना पड़ेगा। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (UERC) ने उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPCL) की उस पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें 674.77 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मांग की गई थी।


आयोग ने बताया निराधार

यूपीसीएल ने 11 अप्रैल 2025 को जारी टैरिफ आदेश पर पुनर्विचार की अपील करते हुए कहा था कि खर्चों की भरपाई के लिए उसे 674.77 करोड़ रुपये की आवश्यकता है। हालांकि, आयोग ने स्पष्ट कर दिया कि जिन मदों में यह राशि मांगी जा रही है, उनका कोई औचित्य नहीं है।

यूपीसीएल ने यह भी आग्रह किया था कि 129.09 करोड़ रुपये के डिले पेमेंट सरचार्ज (डीपीएस) को टैरिफ में शामिल न किया जाए। लेकिन आयोग अध्यक्ष एम.एल. प्रसाद और सदस्य (विधि) अनुराग शर्मा की पीठ ने कहा कि चाहे उपभोक्ता हो या सरकार, सभी के लिए नियम समान हैं। इसलिए डीपीएस को टैरिफ का हिस्सा माना जाएगा।


लाइन लॉस बना चुनौती

आयोग के समक्ष आगामी तीन वर्षों का बिजनेस प्लान भी रखा गया। यूपीसीएल ने दावा किया कि 2025-26 में उसका लाइन लॉस 13.50 प्रतिशत रहेगा, लेकिन आयोग ने केवल 12.75 प्रतिशत तक मंजूरी दी।

इसी तरह 2026-27 में 13.21 प्रतिशत के स्थान पर 12.25 प्रतिशत और 2027-28 में 12.95 प्रतिशत के बजाय 11.75 प्रतिशत लाइन लॉस का लक्ष्य तय किया गया है। यानी अगले तीन वर्षों में यूपीसीएल को लाइन लॉस घटाकर 11.75 प्रतिशत तक लाना होगा।


पिछले तीन वर्षों में लक्ष्य से अधिक नुकसान

आयोग ने यह भी बताया कि बीते वर्षों में यूपीसीएल अपने निर्धारित लक्ष्य को पूरा नहीं कर सका।

  • वर्ष 2021-22 में लक्ष्य 13.75 प्रतिशत था जबकि नुकसान 14.70 प्रतिशत हुआ।
  • वर्ष 2022-23 में लक्ष्य 13.50 प्रतिशत के मुकाबले नुकसान 16.39 प्रतिशत दर्ज किया गया।
  • वर्ष 2023-24 में लक्ष्य 13.25 प्रतिशत था लेकिन नुकसान 15.63 प्रतिशत तक पहुंच गया।

आयोग ने कहा कि याचिका में न तो कोई नया तथ्य है और न ही स्पष्ट गलती, इसलिए इसे निराधार मानते हुए खारिज कर दिया गया।


जनसुनवाई में हुआ विरोध

ध्यान देने योग्य है कि 5 अगस्त 2025 को इस मामले पर आयोग की ओर से जनसुनवाई आयोजित की गई थी। इसमें कई हितधारकों ने यूपीसीएल की मांग का विरोध किया था।


2023-24 में सबसे अधिक नुकसान वाले क्षेत्र

नीचे तालिका में वर्ष 2023-24 में यूपीसीएल के लिए चुनौती बने शहरों का विवरण दिया गया है:

शहर प्रतिशत नुकसान
गदरपुर 30.58 %
जसपुर 27.00 %
जोशीमठ 53.92 %
खटीमा 53.00 %
लक्सर 27.00 %
लंढौरा 69.40 %
मंगलौर 47.62 %
सितारगंज 27.25 %

निष्कर्ष साफ है कि आयोग ने उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ डालने की यूपीसीएल की मांग को खारिज कर दिया है। हालांकि, आने वाले वर्षों में लाइन लॉस कम करना निगम के लिए बड़ी चुनौती बनी रहेगी।

 

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