तारीख: 05 दिसम्बर 2025 | स्थान: देहरादून / उत्तराखंड
उत्तराखंड में आगामी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। लेकिन शहरी क्षेत्रों में बीएलओ और चुनाव आयोग के लिए यह प्रक्रिया किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं होगी।
राज्य के कई मतदाता ऐसे हैं जिनका नाम गांव और शहर—दोनों जगह की मतदाता सूची में मौजूद है। एसआईआर शुरू होते ही ऐसे लोग कानूनी कार्रवाई के दायरे में आ सकते हैं।
बीएलओ के लिए बड़ी चुनौती: घर-घर जाकर फॉर्म भरवाना मुश्किल
देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार और अन्य शहरों में कई लोग ऐसे हैं:
-
जो नियमित तौर पर चुनाव संबंधी सूचनाओं से जुड़े नहीं रहते
-
जिनके घर पहुंचना या फॉर्म भरवाना बेहद कठिन होता है
-
कई लोग डर या असुविधा के कारण जानकारी साझा नहीं करते
इन चुनौतियों को देखते हुए निर्वाचन विभाग नई रणनीति बनाने में जुटा है ताकि एसआईआर कार्य सुचारू रूप से पूरा किया जा सके।
**दो जगह से एसआईआर फॉर्म भरने पर होगी कार्रवाई
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 का सख्त प्रावधान**
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी मतदाता का नाम दो अलग-अलग जगह के वोटर लिस्ट में पाया जाता है, और वह दोनों स्थानों से एसआईआर फॉर्म भरता है, तो यह कानूनी अपराध माना जाएगा।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 31 के अनुसार:
-
मतदाता सूची के संबंध में गलत जानकारी देना दंडनीय अपराध
-
एक से अधिक स्थानों पर नाम होने पर
✔ एक साल तक की जेल
✔ या जुर्माना
✔ या दोनों दंड संभव
इस बार एसआईआर में जांच प्रक्रिया और भी सख्त होने वाली है।
कानूनी कार्रवाई से बचने का तरीका—एक जगह से वोट हटाना जरूरी
यदि किसी व्यक्ति का नाम दो जगह दर्ज है, तो उसे तुरंत किसी एक विधानसभा क्षेत्र से अपना नाम हटवाना होगा।
इसके लिए चुनाव आयोग ने आसान डिजिटल सुविधा उपलब्ध कराई है।
कैसे हटवा सकते हैं नाम?
-
चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जाएं
-
फॉर्म-7 भरें
-
ऑनलाइन सबमिट करें
-
सत्यापन के बाद आपका नाम एक स्थान से हटा दिया जाएगा
अभी उत्तराखंड में एसआईआर की औपचारिक घोषणा नहीं हुई है, इसलिए यह सही समय है जब मतदाता इस गलती को सुधार सकते हैं।
मतदाताओं को चेतावनी—समय रहते सुधारें अपनी जानकारी
विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तराखंड में लाखों लोगों का नाम गांव और शहर दोनों जगह की सूची में पाया जाता है।
एसआईआर शुरू होने के बाद ऐसी डुप्लीकेसी पर चुनाव आयोग सख्ती से कार्रवाई करेगा।
इसलिए नागरिकों को सलाह है कि वे समय रहते अपना रिकॉर्ड सही करें, अन्यथा:
-
भविष्य में मतदान अधिकार प्रभावित हो सकता है
-
कानूनी जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है
निष्कर्ष
उत्तराखंड में एसआईआर प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही मतदाता सूची में पारदर्शिता और शुद्धता को लेकर चुनाव आयोग सक्रिय हो गया है।
दोहरी वोटिंग और दो जगह से फॉर्म भरने जैसी गलतियां न केवल चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करती हैं, बल्कि कानूनन अपराध भी हैं।
इसलिए नागरिकों को चाहिए कि वे अपनी जानकारी सही और अद्यतन रखें, ताकि चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष और सुचारू रूप से संचालित हो सके।


