स्थान: देहरादून | तारीख: 10 जून 2025
जनगणना 2026 की शुरुआत, बड़ी तैयारियों में जुटा उत्तराखंड
उत्तराखंड में बहुप्रतीक्षित जनगणना 2026 की तैयारियां पूरे जोर-शोर से शुरू हो गई हैं। यह पहली बार होगा जब जनगणना पूरी तरह डिजिटल माध्यम से की जाएगी, जिससे अंतिम आंकड़े सिर्फ एक महीने में सार्वजनिक किए जा सकेंगे। साथ ही, जातिगत गणना को भी शामिल किया जा रहा है, जो सामाजिक नीति निर्माण के लिहाज़ से अहम मानी जा रही है।
जनगणना की प्रमुख टाइमलाइन
चरण | कार्य | समयावधि |
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1️⃣ | आंतरिक प्रशिक्षण प्रारंभ | दिसंबर 2025 |
2️⃣ | मकान सूचीकरण व गणना (पहला चरण) | अप्रैल–जून 2026 (किसी भी 45 दिन की अवधि में) |
3️⃣ | बर्फीले क्षेत्रों में मुख्य गणना | 11–30 सितंबर 2026 |
4️⃣ | मुख्य जनगणना (व्यक्तिगत जानकारी सहित) | 9–28 फरवरी 2027 |
✅ | अंतिम आंकड़ों की घोषणा | मार्च–अप्रैल 2027 |
डिजिटल होगी जनगणना: मोबाइल ऐप से होगी एंट्री
इस बार जनगणना पूरी तरह डिजिटल माध्यम से की जाएगी। प्रगणक मोबाइल ऐप के जरिए घर-घर जाकर आंकड़े दर्ज करेंगे, जिससे डाटा स्कैनिंग, मैनुअल एंट्री जैसी पुरानी प्रक्रियाएं खत्म होंगी। इससे अंतिम परिणाम तैयार करने में सालभर का समय नहीं लगेगा।
पहले चरण में मकानों की सूची: क्या-क्या होगा दर्ज?
संयुक्त निदेशक शैलेंद्र सिंह नेगी के अनुसार, पहले चरण में मकानों की गणना करते समय ये विवरण दर्ज किए जाएंगे:
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मकान कच्चा है या पक्का
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बिजली, पानी, शौचालय जैसी सुविधाएं
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मकान का उपयोग: आवासीय, व्यावसायिक आदि
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परिवार के मुखिया का नाम और स्थिति
मुख्य गणना में क्या जानकारी होगी?
जनगणना के दूसरे चरण में प्रत्येक व्यक्ति की जानकारी दर्ज की जाएगी:
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नाम, आयु, लिंग
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शैक्षिक योग्यता
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व्यवसाय और आय का स्रोत
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वैवाहिक स्थिति
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इस बार जातिगत जानकारी भी शामिल होगी
हालांकि, जातिगत सवालों का प्रारूप फिलहाल तय नहीं किया गया है।
कार्मिकों की नियुक्ति और प्रशिक्षण
इस बार करीब 28,000 कार्मिक जनगणना में नियुक्त किए जाएंगे। इनमें प्रगणक, सुपरवाइजर, मास्टर ट्रेनर और नेशनल ट्रेनर शामिल होंगे। 2011 की जनगणना में लगभग 24,000 कार्मिक लगाए गए थे।
अब तक की जनसंख्या वृद्धि: एक नज़र चार्ट पर
वर्ष | जनसंख्या | दशकीय वृद्धि |
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1971 | 44,92,744 | लागू नहीं |
1981 | 57,25,972 | +27.44% |
1991 | 70,50,634 | +23.13% |
2001 | 84,89,349 | +20.40% |
2011 | 1,00,86,292 | +18.81% |
2021 में होने वाली जनगणना कोविड-19 महामारी के चलते स्थगित कर दी गई थी। अब यह प्रक्रिया 2026-27 में पूर्ण रूप से संपन्न होगी।
क्यों है यह जनगणना खास?
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पहली बार पूरी तरह डिजिटल
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जातिगत गणना का समावेश
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डेटा संग्रहण व प्रोसेसिंग में तेज़ी
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नीति निर्माण के लिए अधिक सटीक जानकारी
संक्षेप में:
जनगणना 2026 उत्तराखंड के लिए सांख्यिकीय और सामाजिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। न केवल डिजिटल परिवर्तन इसकी रफ्तार बढ़ाएगा, बल्कि जातिगत आंकड़े नीति निर्माण में नई दिशा देंगे।