देहरादून | रविवार, 8 जून 2025
देहरादून से मसूरी तक सड़कें थमीं, पर्यटक जाम में फंसे – ट्रैफिक प्लानिंग फेल
रविवार को देहरादून और आसपास के पर्यटन स्थलों में सैलानियों और चारधाम तीर्थयात्रियों की रिकॉर्ड भीड़ उमड़ पड़ी। नतीजा – देहरादून शहर से लेकर मसूरी, हरिद्वार, सहारनपुर और दिल्ली हाईवे तक चारों तरफ भीषण जाम।
मसूरी जाने वालों को सिर्फ 35 किमी की दूरी तय करने में 3 घंटे से ज्यादा का वक्त लग गया। वहीं, हरिद्वार हाईवे, मोहकमपुर, रिस्पना पुल, और मोहंड जैसे पॉइंट्स पर वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं।
जाम की झलकियां:
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मसूरी के होटलों में 100% ऑक्युपेंसी, पर्यटक सड़कों पर भटके
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हरिद्वार बाइपास, सहारनपुर रोड, राजपुर रोड, पंडितवाड़ी से सेलाकुई – सब जगह वाहन रेंगते दिखे
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आईएसबीटी से रिस्पना पुल तक सामान्य 10 मिनट का रास्ता, आज 3 घंटे में तय हुआ
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शहर की सड़कों से गायब रही सीपीयू और ट्रैफिक पुलिस, होमगार्ड्स पर छोड़ दी गई जिम्मेदारी
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पुलिस कंट्रोल रूम पर कॉल्स की बाढ़, लेकिन ग्राउंड पर असर नदारद
मसूरी बना ‘टूरिस्ट हॉटस्पॉट’, लेकिन यातायात से बेहाल
मसूरी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने बताया कि मसूरी में लगभग सभी होटल फुल हैं। रविवार को सबसे ज्यादा पर्यटक एनसीआर, पंजाब, यूपी, दिल्ली से पहुंचे।
हालत ये रही कि कई पर्यटक होटल न मिलने पर लौटने को मजबूर हुए। कंपनी गार्डन, कैंपटी फॉल, गन हिल, मसूरी झील जैसे पॉपुलर स्पॉट्स तक पहुंचना भी एक चुनौती बन गया।
जाम के हॉटस्पॉट्स:
लोकेशन | समस्या |
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मसूरी रोड | 3 किमी लंबा जाम, ट्रैफिक घंटों फंसा |
रिस्पना पुल-जोगीवाला-मोहकमपुर | पूरा दिन 4 किमी लंबा जाम |
मोहंड | 20 किमी की दूरी में 2.5 घंटे का सफर |
पंडितवाड़ी-प्रेमनगर-सुद्धोवाला | दिनभर जाम, नया ट्रैफिक हॉटस्पॉट |
हरिद्वार बाइपास | शाम को बेकाबू स्थिति, वाहन रेंगते रहे |
फ्लॉप हुई पुलिस-प्रशासन की ‘शटल सेवा’ योजना
पुलिस-प्रशासन ने इस सीजन में मसूरी के लिए शटल सेवा चलाने का दावा किया था – लेकिन ग्राउंड पर सेवा कहीं नजर नहीं आई।
योजना थी कि पर्यटकों को कुठालगेट पर रोककर शटल से भेजा जाएगा, लेकिन ट्रैफिक कंट्रोल की कोई प्रभावी कोशिश नहीं हुई।
SSP देहरादून बोले: ‘‘ट्रैफिक कंट्रोल के लिए अतिरिक्त फोर्स तैनात’’
एसएसपी अजय सिंह ने कहा,
‘‘मसूरी और देहरादून में ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए अतिरिक्त बल लगाया गया है। कुछ मार्गों पर रूट डायवर्जन किया जाएगा। जीएमएस रोड से होकर मसूरी भेजने की व्यवस्था की जा रही है।’’
सवाल उठाते लोग:
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जाम की सूचना मिलने पर कंट्रोल रूम मौन क्यों?
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शहर में सीपीयू और ट्रैफिक पुलिस नजर क्यों नहीं आती?
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हर वीकेंड यही हाल, फिर भी कोई स्थायी समाधान क्यों नहीं?
निष्कर्ष:
गर्मी की छुट्टियों में उत्तराखंड बना हॉट डेस्टिनेशन, लेकिन यातायात प्रबंधन की भारी चूक लोगों के सफर को बना रही थकाऊ और निराशाजनक।
अगर प्रशासन ने जल्द स्थायी व्यवस्था नहीं की, तो आने वाले हफ्तों में स्थिति और बिगड़ सकती है।