देहरादून, 28 जुलाई 2025
उत्तराखंड में अवैध धर्मांतरण रैकेट को लेकर देहरादून पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है। मामले में गिरफ्तार आरोपितों को बी वारंट पर लेने के लिए पुलिस की एक विशेष टीम आगरा रवाना हो चुकी है। इस गिरोह से जुड़े नेटवर्क की जांच में पुलवामा (जम्मू-कश्मीर), सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) और दुबई-पाकिस्तान फंडिंग जैसे कई चौंकाने वाले लिंक सामने आ रहे हैं।
जांच में क्या सामने आया?
मुख्य आरोपित अब्दुल रहमान उत्तराखंड में इस रैकेट का संगठक और फंडिंग स्रोत बताया जा रहा है। पुलिस जांच में पता चला है कि:
- उसने प्रेमनगर निवासी सुमैया के खाते में ₹25,000 ट्रांसफर किए थे।
- यह पैसा मरियम नाम की युवती को दिल्ली भेजने के लिए था।
- जब मरियम ने जाने से मना किया, तो सुमैया ने यह रकम वापस लौटा दी।
सुमैया से पूछताछ में पुलिस को कई क्रॉस-स्टेट कनेक्शन मिले हैं, जिनमें पुलवामा की एक युवती की भूमिका सबसे अहम मानी जा रही है।
कश्मीर से जुड़ा धर्मांतरण का तंत्र
सुमैया ने खुलासा किया है कि उसे इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित करने वाली युवती कश्मीर के पुलवामा की रहने वाली है। उस युवती ने उसे कुरान की ऑनलाइन तालीम दी और “धार्मिक शिक्षाओं” के बहाने मानसिक रूप से प्रभावित किया।
अब पुलिस कश्मीर की इस युवती से संपर्क करने का प्रयास कर रही है। साथ ही सिलीगुड़ी की एक अन्य युवती का नाम भी सामने आया है, जिसके तार इस नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं।
विदेशी फंडिंग का नेटवर्क
जांच में यह भी सामने आया है कि:
- अब्दुल रहमान व उसके साथी जो भी खर्च करते थे, उसकी स्क्रीनशॉट या प्रमाण दुबई और पाकिस्तान भेजते थे।
- इसके बदले वहां से फंडिंग होती थी, जो रैकेट के संचालन में इस्तेमाल होती थी।
एसओजी और एसटीएफ इस पूरे नेटवर्क की परतें खोलने में जुटी हुई हैं। देहरादून पुलिस के साथ मिलकर राष्ट्रीय सुरक्षा एंगल से भी जांच की जा रही है।
आगे क्या?
देहरादून पुलिस की अगली रणनीति:
- आगरा से बी वारंट पर आरोपितों को लाकर पूछताछ तेज करना
- पुलवामा और सिलीगुड़ी की युवतियों से संपर्क कर कड़ियों को जोड़ना
- विदेश से आ रही फंडिंग पर खुफिया एजेंसियों की मदद से निगरानी बढ़ाना