स्थान: देहरादून, उत्तराखंड
तारीख: 7 सितंबर 2025
देहरादून पुलिस ने एक बेहद संवेदनशील और खतरनाक नेटवर्क का पर्दाफाश करते हुए ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत धर्मांतरण कराने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का खुलासा किया है। गिरोह का संचालन पाकिस्तान से हो रहा था और इसका संबंध आतंकी संगठनों से भी पाया गया है।
जांच में सामने आया कि गिरोह हिंदू युवतियों को प्रेम जाल और लालच में फंसा कर उनका धर्म परिवर्तन कराने में जुटा था। पुलिस ने दो युवतियों को समय रहते धर्मांतरण से बचाया और गिरोह के कई सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
बांग्लादेशी गिरोह का खुलासा: देहरादून-हरिद्वार में वर्षों से छिपे थे एजेंट
पुलिस की गहन छानबीन में सामने आया कि कई बांग्लादेशी नागरिक फर्जी पहचान के साथ देहरादून और हरिद्वार में लंबे समय से रह रहे थे।
ये लोग विभिन्न रूपों में – डॉक्टर, साधु, तांत्रिक या प्रेमी बनकर भोली-भाली युवतियों को निशाना बना रहे थे।
सेलाकुई में बंगाली डॉक्टर निकला बांग्लादेशी घुसपैठिया
31 अगस्त को सेलाकुई में पुलिस ने छापा मारकर एक व्यक्ति को हिरासत में लिया, जो खुद को “डॉ. अमित कुमार” बता रहा था।
गहन पूछताछ में उसका असली नाम चयन अधिकारी निकला, जो बांग्लादेश का निवासी है और फर्जी कागजात पर भारत में रह रहा था।
‘इफराज’ बना अमीर हिंदू युवक, प्रेम जाल में फंसा रहा लड़कियां
एक अन्य गिरफ्तारी में पुलिस ने इफराज अहमद (निवासी अनंतनाग, जम्मू) को पकड़ा, जो डीबीएस कॉलेज, सेलाकुई में रहकर हिंदू नाम और अमीरी का झांसा देकर लड़कियों को प्रेम जाल में फंसा रहा था।
उसकी पत्नी नाजरीन की शिकायत पर कार्रवाई की गई।
सोशल मीडिया के जरिए धर्मांतरण का जाल फैलाया गया
बरेली निवासी प्रशांत कुमार ने प्रेमनगर थाने में तहरीर दी थी कि उनकी बहन को आगरा में धर्मांतरण के आरोपियों से संपर्क था।
युवती की काउंसलिंग में पता चला कि उसकी ऑनलाइन दोस्ती “आशिया उर्फ कृष्णा” नामक युवती से हुई, जो धर्म परिवर्तन के लिए लालच दे रही थी।
रानीपोखरी में भी युवती को धर्मांतरण के लिए बहकाया गया
राजकुमार निवासी रानीपोखरी ने बताया कि उनकी बेटी सृष्टि बजाज को कुछ मुस्लिम युवक और युवतियां पैसों और सुविधाओं का लालच देकर धर्मांतरण के लिए प्रेरित कर रहे थे।
जांच में सामने आया कि इस मामले में एक नाम बिरसा मुंडा का आया है, जो झारखंड की सेंट्रल जेल, रांची में बंद है और हिज्ब-उत-तहरीर जैसे आतंकी संगठन से जुड़ा है।
फर्जी आईएएस बनकर ठगी करने वाला भी गिरफ्तार
2 अगस्त को टिहरी पुलिस ने शशिचंद प्रजापति नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया।
वह खुद को आईएएस अधिकारी बताकर कैंपटी कस्बे में एक गेस्ट हाउस का नक्शा पास कराने के नाम पर ₹2.55 लाख की ठगी कर चुका था।
साधु के भेष में घूमता मिला बांग्लादेशी नागरिक
सत्यापन अभियान के तहत ग्राम लक्ष्मीपुर चोरखाला, सहसपुर से अर्धनग्न अवस्था में शनि दान बाबा के भेष में बैठे एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया।
उसने अपना नाम रुकन रकब उर्फ शाह आलम बताया और बांग्लादेश का नागरिक निकला। दूतावास और फिंगरप्रिंट के माध्यम से पहचान की पुष्टि हुई।
हरिद्वार में पकड़े गए तांत्रिक, एक लाख की ठगी
22 अगस्त को हरिद्वार पुलिस ने विक्रम और संदीप कुमार नामक दो तांत्रिकों को गिरफ्तार किया।
दोनों ने चमत्कारी उपचार और औषधि देने के नाम पर एक व्यक्ति से ₹1 लाख की ठगी की थी। इनके पास से दो चाकू और अन्य तांत्रिक सामान भी बरामद हुआ।
कलियर उर्स में बांग्लादेशी घुसपैठिए की गिरफ्तारी
26 अगस्त को कलियर उर्स में बंगाली भाषा बोलते एक व्यक्ति मोहम्मद युसुफ को चिन्हित किया गया।
सत्यापन के बाद एक पूर्व सजायाफ्ता बांग्लादेशी मोहम्मद उज्जल को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
दोनों को आवश्यक प्रक्रिया के बाद डिपोर्ट कर दिया गया है।
उत्तराखंड पुलिस का सख्त संदेश: धर्मांतरण और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को नहीं बख्शा जाएगा
इस पूरी कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि उत्तराखंड पुलिस राज्य में धर्मांतरण, घुसपैठ और आतंकवाद से जुड़े हर नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के लिए गंभीर है।
‘ऑपरेशन कालनेमि’ आगे भी जारी रहेगा और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
- यदि आपके आसपास भी कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे या कोई व्यक्ति फर्जी पहचान के साथ रह रहा हो, तो तुरंत पुलिस को सूचना दें।
- साइबर हेल्पलाइन: 1930
- स्थानीय थाना संपर्क करें या 112 पर कॉल करें