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उत्तराखंड में नए शहरों की प्लानिंग तेज, दस नई सिटीज की टोपोग्राफी रिपोर्ट UIIDB को सौंपने के बाद प्रक्रिया में और तेजी

दिनांक: 12 दिसंबर 2025
स्थान: देहरादून / पौड़ी / चमोली

राज्य सरकार ने बदली नीति, नए शहर बसाने की दिशा में बड़ा कदम

उत्तराखंड सरकार ने नए शहरों की स्थापना के लिए नीतिगत बदलाव करते हुए ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड परियोजनाओं को प्राथमिकता दी है।
प्रदेश में 22 स्थानों को नए शहरी केंद्रों के रूप में चुन लिया गया है। इन स्थानों पर आधुनिक, सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल टाउनशिप विकसित की जाएंगी।


बिलकेदार और बमौथ का टोपोग्राफी सर्वे पूरा, UIIDB को सौंपे तकनीकी दस्तावेज

पौड़ी जिले के बिलकेदार और चमोली जिले के बमौथ में टोपोग्राफी सर्वेक्षण पूरा कर लिया गया है।
उत्तराखंड एकीकृत अवसंरचना विकास बोर्ड (UIIDB) को सभी तकनीकी रिपोर्टें सौंप दी गई हैं, ताकि मास्टर प्लानिंग की प्रक्रिया तेज हो सके।


पहाड़ों में बढ़ती आबादी और प्रवासियों की वापसी ने बढ़ाई नए शहरों की जरूरत

पर्वतीय जिलों में तेजी से बढ़ती शहरी आबादी और राज्य में लौट रहे प्रवासियों ने नए शहरी केंद्रों की मांग को मजबूत किया है।
जहाँ ग्रीनफील्ड (नई ज़मीन पर नए शहर) में आधुनिक सुविधाओं वाला विकास किया जाएगा, वहीं ब्राउनफील्ड (पुराने शहरों के पुनर्विकास) के माध्यम से जाम, पार्किंग, सीवरेज, आवासीय दबाव जैसी चुनौतियों को दूर किया जाएगा।


नई टाउनशिप पॉलिसी और लैंड पूलिंग मॉडल होंगे आधार

राज्य सरकार चुने गए स्थानों का विकास नई टाउनशिप पॉलिसी के तहत करेगी।
मुख्य विशेषताएँ—

  • लैंड पूलिंग व लैंड बैंकिंग मॉडल लागू

  • भूमि अधिग्रहण नहीं, बल्कि स्वैच्छिक भागीदारी को प्राथमिकता

  • PPP मॉडल, डेवलपर आधारित मॉडल और क्लस्टर विकास का उपयोग

  • ग्रामीणों व कस्बों पर बोझ न पड़े, इसके लिए साझेदारी पर आधारित जमीन का उपयोग

  • डेवलपर्स को बड़े भूखंड आसानी से उपलब्ध होंगे, जिससे निवेश बढ़ेगा


PPP और ज्वाइंट वेंचर मॉडल पर शून्य बजट से बसेंगे नए शहर

सरकार इन शहरों को शून्य बजट में विकसित करने जा रही है।
इसमें—

  • सरकार भूमिखंड को ही पूंजी के रूप में देगी

  • विकास का कार्य निजी क्षेत्र करेगा

  • PPP और ज्वाइंट वेंचर मॉडल से टाउनशिप विकसित होंगी


पहले चरण में 10 शहर बसाने की तैयारी—मास्टर प्लानिंग जल्द

पहले चरण में जिन 10 स्थानों को नए शहर के रूप में विकसित किया जाएगा, उनमें शामिल हैं—

  1. बिलकेदार (पौड़ी)

  2. सहसपुर

  3. रोशनाबाद

  4. बमौथ (चमोली)

  5. टिहरी–चंबा न्यू टाउनशिप जोन

  6. कोटद्वार साउथ

  7. सितारगंज एग्रो-लॉजिस्टिक क्लस्टर

  8. काशीपुर–बाजपुर संयुक्त शहरी क्षेत्र

  9. हरिद्वार उत्तरी रिंग रोड

  10. ऋषिकेश–नरेंद्रनगर टाउनशिप

इन शहरों में जल्द ही विस्तृत मास्टर प्लानिंग और विकास मॉडल पर कार्य शुरू होगा।


दूसरे चरण में 12 और शहरों की सूची तैयार

दूसरे चरण के लिए भी राज्य सरकार ने 12 नए शहरों के स्थान तय कर लिए हैं। ये स्थान GIS विश्लेषण और नगर एवं ग्रामीण नियोजन विभाग की रिपोर्ट पर आधारित हैं।

इनमें शामिल हैं—

  • धनोल्टी

  • मुनस्यारी

  • अल्मोड़ा ईस्ट बायपास

  • पिथौरागढ़ दक्षिण–पूर्व क्षेत्र

  • भीमताल–सितारगंज के मध्य

  • रानीखेत बायपास

  • रामनगर टाउन एक्सटेंशन

  • देहरादून–डोईवाला

  • कर्णप्रयाग

  • भटवाड़ी

  • ऊधमसिंह नगर न्यू इंडस्ट्रियल टाउन

  • लाखामंडल–त्यूणी

ये सभी स्थान भविष्य के उभरते शहरी हब के रूप में पहचाने गए हैं।


प्रमुख सचिव आवास का बयान

आर. मीनाक्षी सुंदरम, प्रमुख सचिव, आवास ने कहा—
“नए शहरों की स्थापना के लिए नीतिगत और धरातल दोनों स्तरों पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। टोपोग्राफी सर्वे पूरा हो चुका है और रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्ययोजना तय की जा रही है।”


निष्कर्ष

उत्तराखंड में नए शहर बसाने की योजना राज्य के भविष्य की दिशा तय करने जा रही है।
यह पहल न केवल पहाड़ों की बढ़ती शहरी चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत करेगी, बल्कि युवाओं को रोजगार, निवेश को गति और व्यवस्थित विकास का मार्ग भी प्रदान करेगी।
दो चरणों में 22 नए शहरों की योजना पहाड़ों में आधुनिक और सुरक्षित शहरीकरण का नया अध्याय साबित हो सकती है।

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