तारीख: 29 नवंबर 2025 | स्थान: उत्तरकाशी–चमोली–यमकेश्वर
मोरी ब्लॉक में भालू का आतंक, कई घरों और छानियों के दरवाजे क्षतिग्रस्त
उत्तराखंड में इन दिनों मानव-भालू संघर्ष की घटनाएँ लगातार बढ़ती जा रही हैं।
गुरुवार देर रात मोरी ब्लॉक के गोविंद वन्य जीव विहार पार्क क्षेत्र स्थित जखोल गांव के जाबिल्च तोक में भालू बस्ती में घुस आया और कई घरों व छानियों के दरवाजे तोड़ डाले। अचानक हुए इस हमले से पूरे गांव में अफरा-तफरी मच गई और लोगों ने पूरी रात भय में ही गुजारी।
ग्रामीणों ने सुनाई रात की दहशत—“दरवाजे टूटने की आवाज़ से घरों में दुबक गए लोग”
ग्रामीण गंगा सिंह रावत, धाम सिंह, गौर सिंह, जगदीश, ताली राम, जयेंद्र सिंह, राजी सिंह, भगवान सिंह और फागणु ने बताया कि भालू कई दिनों से गांव के आसपास घूम रहा था। पहले वह जंगल में काम कर रहे लोगों और मवेशियों पर हमला कर चुका था।
बीती रात जब वह बस्ती में दाखिल हुआ तो उसने कई दरवाजे तोड़कर भारी नुकसान पहुंचाया।
ग्रामीणों ने कहा कि भालू का व्यवहार अत्यधिक आक्रामक होता जा रहा है और यदि जल्द कार्रवाई न हुई तो गंभीर घटना से इनकार नहीं किया जा सकता।
वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, नुकसान का आंकलन शुरू
गोविंद वन्य जीव विहार पार्क की उप निदेशक निधि सेमवाल ने पुष्टि की कि जाबिल्च तोक में भालू द्वारा नुकसान पहुंचाए जाने की सूचना मिली है।
रेंजर गौरव अग्रवाल के नेतृत्व में टीम को तुरंत गांव भेजा गया। नुकसान का सर्वे किया जा रहा है और रिपोर्ट आने के बाद प्रभावित परिवारों को मुआवजा दिया जाएगा।
यमकेश्वर के सार गांव में 10 दिन में चार मवेशी मारे, ग्रामीण दहशत में
लैंसडौन वन प्रभाग की लालढांग रेंज से सटे यमकेश्वर ब्लॉक के सार गांव में भी भालू का आतंक लगातार बढ़ रहा है। गांव में पिछले 10 दिनों में भालू तीन गाय और एक बछड़े को मार चुका है।
ग्राम प्रधान कृष्णा नेगी और सामाजिक कार्यकर्ता विनय नेगी के अनुसार शुक्रवार तड़के पशुपालक भोला दत्त की गोशाला का दरवाजा तोड़कर भालू ने गाय को मार डाला। इससे पहले 21 नवंबर को मुन्नी देवी की गाय और बछड़ा तथा 10 दिन पहले जगदीश सिंह रावत की गाय को भालू ने मार डाला था।
वन विभाग ने क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी है और प्रभावित पशुपालकों को मुआवजा देने की तैयारी की जा रही है।
चमोली: दो गांवों में एक रात में तीन मवेशी मार डाले
चमोली जिले में भी भालू का खौफ कम नहीं हो रहा है।
गुरुवार रात स्यूंण गांव में भालू ने महावीर सिंह राणा की गोशाला तोड़कर गाय को मार डाला, जबकि गांव वाले रात एक बजे तक पटाखे जलाकर भालू को भगाने की कोशिश करते रहे।
इसी रात नंदानगर ब्लॉक के महड़ बगठी गांव में एक अन्य भालू ने रघुवीर लाल की गोशाला में बंधे दो बैलों को मार डाला। ग्राम प्रधान गौरव सती ने बताया कि ग्रामीणों में गहरी दहशत है और भालू की गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं।
उत्तरकाशी में भी खतरा बढ़ा—ग्रामीण घरों में कैद, वन विभाग से राहत की मांग
उत्तरकाशी जिले के बौंगा, कैलसु और रैथल गांव के लोगों ने भी भालू के बढ़ते आतंक को लेकर वन विभाग से गुहार लगाई है।
यूकेडी युवा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष सुरजीत सिंह राणा और ग्राम प्रधान अनिल सिंह रावत ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से भालू बार-बार गांवों के आसपास घूम रहा है और कई बार लोगों व मवेशियों पर हमला कर चुका है।
इस दौरान आशीष नेगी, कुलदीप सिंह रावत, विजेंद्र सिंह रावत, किशन सिंह समेत कई ग्रामीण मौजूद रहे।
निष्कर्ष: पहाड़ी क्षेत्रों में भालू का खतरा लगातार बढ़ रहा, वन विभाग की चुनौती बड़ी
उत्तरकाशी, चमोली, यमकेश्वर और मोरी—चारों क्षेत्रों में भालू के हमले लगातार बढ़ रहे हैं।
वन विभाग गश्त बढ़ा रहा है, टीमों को मौके पर भेजा जा रहा है, और मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू है।
लेकिन ग्रामीणों की मांग स्पष्ट है—
भालू को सुरक्षित स्थान पर पकड़कर ले जाया जाए, ताकि बड़े हादसे को रोका जा सके और लोगों की जान-माल सुरक्षित रह सके।


