देहरादून | गुरुवार, 11 दिसंबर 2025
उत्तराखंड में अब महिला कर्मचारी रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक कार्य कर सकेंगी। राज्य मंत्रिमंडल के निर्णय के बाद श्रम विभाग ने इस संबंध में औपचारिक अधिसूचना जारी कर दी है। नई व्यवस्था के तहत महिलाओं को रात्रि पाली में कार्य करने की अनुमति तो दी गई है, लेकिन इसके साथ कड़े सुरक्षा और सहमति संबंधी नियम भी तय किए गए हैं।
सहमति के बिना नहीं कराया जा सकेगा रात्रि कार्य
अधिसूचना के अनुसार, किसी भी महिला कर्मचारी से रात्रि पाली में काम कराने से पहले उसकी लिखित सहमति लेना अनिवार्य होगा। यदि कोई महिला रात्रि पाली में कार्य करने से असहमति व्यक्त करती है, तो नियोक्ता उसे इसके लिए बाध्य नहीं कर सकेगा। यह प्रावधान महिलाओं की व्यक्तिगत सुरक्षा और स्वतंत्र निर्णय को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
श्रम अधिकारी और पुलिस को देनी होगी सूचना
नियोक्ता को यह सुनिश्चित करना होगा कि महिला कर्मकारों से रात्रि पाली में कार्य कराए जाने की पूर्व सूचना संबंधित श्रम अधिकारी और क्षेत्र के थाना प्रभारी को दी जाए। इससे कानून-व्यवस्था और निगरानी व्यवस्था को मजबूत किया जा सकेगा।
पिक-अप, ड्रॉप और जीपीएस से लैस वाहन अनिवार्य
रात्रि पाली में कार्यरत महिलाओं के लिए निवास से कार्यस्थल तक पिक-अप और ड्रॉप की सुविधा देना आवश्यक होगा। इसके तहत
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परिवहन वाहनों में पैनिक बटन (इमरजेंसी अलार्म)
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जीपीएस आधारित ट्रैकिंग सिस्टम
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वाहन और कार्यस्थल पर पुलिस हेल्पलाइन, थाना और चौकी के नंबर चस्पा करना
अनिवार्य किया गया है।
चालक-परिचालक का पुलिस सत्यापन जरूरी
महिला कर्मकारों के परिवहन में लगे ड्राइवर और परिचालक का पुलिस सत्यापन कराना नियोक्ता की जिम्मेदारी होगी। साथ ही महिलाओं के लिए सुरक्षित, संरक्षित और स्वस्थ कार्य वातावरण सुनिश्चित करना भी नियोक्ता पर अनिवार्य किया गया है, ताकि रोजगार के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा या जोखिम न हो।
कार्यस्थल पर मूलभूत सुविधाएं और सीसीटीवी जरूरी
अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि नियोक्ता को महिला कर्मकारों के लिए
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शौचालय,
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चेंजिंग रूम,
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पेयजल
जैसी सुविधाएं संबंधित अधिनियमों के प्रावधानों के अनुरूप उपलब्ध करानी होंगी। इसके अलावा दुकान और प्रतिष्ठान के प्रत्येक प्रवेश व निकास द्वार पर सीसीटीवी कैमरे लगाना भी अनिवार्य होगा।
लैंगिक उत्पीड़न निरोधक कानून का पालन अनिवार्य
महिलाओं के कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोष) अधिनियम, 2013 के सभी प्रावधानों को प्रभावी रूप से लागू करना नियोक्ता के लिए आवश्यक होगा। इसमें आंतरिक शिकायत समिति का गठन और शिकायत निवारण की प्रक्रिया भी शामिल है।
सचिव ने जारी की अधिसूचना
यह अधिसूचना श्रम विभाग के सचिव डॉ. श्रीधर बाबू अड्डांकी द्वारा जारी की गई है। विभाग का कहना है कि यह निर्णय रोजगार के अवसर बढ़ाने के साथ-साथ महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
निष्कर्ष
उत्तराखंड में महिलाओं को रात्रि पाली में काम करने की अनुमति देना रोजगार समानता की दिशा में बड़ा बदलाव है। साथ ही सरकार ने सख्त सुरक्षा, सहमति और निगरानी प्रावधान तय कर यह स्पष्ट किया है कि महिलाओं की सुरक्षा सर्वोपरि रहेगी। नई व्यवस्था से जहां कार्यस्थलों पर महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी, वहीं सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी पूरी तरह नियोक्ताओं पर होगी।


