31 जुलाई तक भारी बारिश की चेतावनी, चारधाम यात्रा पर असर, लोगों की बढ़ी मुश्किलें
देहरादून, 26 जुलाई 2025 – उत्तराखंड में मॉनसून का दौर अब आफत में तब्दील होता नजर आ रहा है। पर्वतीय जिलों में लगातार हो रही तेज बारिश के चलते जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। केदारनाथ यात्रा अस्थायी रूप से रोक दी गई है, जबकि यमुनोत्री धाम को जोड़ने वाली सड़क धंसने से बंद हो गई है। वहीं श्रीनगर गढ़वाल में कई घरों में पानी घुस गया, जिससे लोग रातभर परेशान रहे।
मौसम विभाग का अलर्ट: अगले 5 दिन भारी
मौसम विभाग ने 31 जुलाई तक पूरे राज्य में भारी बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी दी है। देहरादून, नैनीताल और चंपावत जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और सड़क अवरुद्ध होने की संभावना जताई गई है।
केदारनाथ यात्रा पर फिर ब्रेक
केदारनाथ यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं को गौरीकुंड के आगे रास्ता बंद होने के कारण रोक दिया गया है। मूसलधार बारिश के चलते मार्ग पर मलबा और फिसलन की स्थिति बन गई है। यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है, और मौसम में सुधार होने तक यात्रा स्थगित रहेगी।
यमुनोत्री मार्ग धंसा, दर्जनों वाहन फंसे
यमुनोत्री धाम को जोड़ने वाली फूलचट्टी-जानकीचट्टी सड़क पर शुक्रवार को फूलचट्टी के पास भारी धंसाव हुआ, जिससे आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई।
जानकीचट्टी चौकी प्रभारी गंभीर सिंह तोमर के मुताबिक:
- बस और टेंपो ट्रैवलर्स जैसे बड़े वाहन पूरी तरह से बंद
- छोटे वाहन भी जोखिम लेकर चलने को मजबूर
स्थानीय लोग और श्रद्धालु दोनों ओर दर्जनों वाहनों में फंसे हुए हैं।
श्रीनगर में घरों में घुसा पानी, नाली चोक कारण
श्रीनगर गढ़वाल नगर निगम क्षेत्र के वार्ड 29 भक्तियाना और एनआईटी के पास शुक्रवार देर रात भारी बारिश का पानी दो घरों में घुस गया।
स्थानीय निवासी भास्कर रतूड़ी ने बताया, “सुबह 4 बजे जब पत्नी उठीं, तो कमरे में घुटनों तक पानी भरा हुआ था।”
इसका मुख्य कारण राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे बनी नाली का चोक हो जाना बताया गया।
प्रशासन की अनदेखी पर उठे सवाल
गौरतलब है कि 23 जुलाई को एक प्रमुख अखबार ने इस स्थिति को लेकर प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया था, लेकिन समय रहते कार्रवाई नहीं होने के चलते अब यह हालात बन गए हैं। स्थानीय लोग प्रशासन की उदासीनता पर सवाल उठा रहे हैं।
चारधाम यात्रा पर लगातार हो रहे व्यवधान, बारिश से बिगड़ता जनजीवन और लचर सिस्टम मिलकर एक बड़ा खतरा पैदा कर सकते हैं अगर समय रहते सतर्कता न बरती गई।