देहरादून, 13 अगस्त 2025 – उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) के तहत विवाह पंजीकरण को लेकर नागरिकों को बड़ी राहत दी है। अब राज्य में 26 जनवरी 2026 तक विवाह पंजीकरण पर कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। केवल कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से पंजीकरण कराने पर 50 रुपये सेवा शुल्क देना होगा।
निर्णय का उद्देश्य
राज्य में विवाह पंजीकरण को बढ़ावा देने और आमजन को सुविधा प्रदान करने के लिए यह कदम उठाया गया है। इससे पहले यह छूट 26 जुलाई 2025 तक थी, जिसे अब छह महीने के लिए बढ़ाकर 26 जनवरी 2026 कर दिया गया है।
किन पर लागू होगी छूट
- 27 जनवरी 2025 से पहले हुए सभी विवाह का पंजीकरण निशुल्क।
- समान नागरिक संहिता लागू होने से पूर्व हुए तलाक, विवाह विच्छेद या तलाक की डिक्री का पंजीकरण भी निशुल्क।
- सामान्य स्थिति में इन सेवाओं के लिए 250 रुपये शुल्क लिया जाता है, जिस पर अब छूट दी गई है।
UCC के तहत विवाह पंजीकरण के नियम
- 27 जनवरी 2025 को उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू हुई।
- संहिता के तहत 27 मार्च 2010 के बाद हुए सभी विवाह का पंजीकरण अनिवार्य है।
- पंजीकरण शुल्क 250 रुपये तय है, लेकिन CSC से कराने पर केवल 50 रुपये सेवा शुल्क देना होता है।
अब तक का पंजीकरण आंकड़ा
समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद से राज्य में:
- 3,62,127 विवाह पंजीकृत।
- 255 विवाह विच्छेद (तलाक) पंजीकृत।
- 5 लिव-इन संबंध पंजीकृत।
- 1,932 उत्तराधिकार पंजीकरण।
- 1 वसीयत संशोधन पंजीकरण।
आधिकारिक अधिसूचना
गृह विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। सरकार का मानना है कि शुल्क माफी से ज्यादा से ज्यादा लोग विवाह और तलाक पंजीकरण के लिए आगे आएंगे, जिससे कानूनी रिकॉर्ड मजबूत होंगे और भविष्य में विवाद की स्थिति में दस्तावेजी सबूत उपलब्ध रहेंगे।