नियमितीकरण के दबाव और न्यायालयों में बढ़ते वादों को देखते हुए नियमित पदों पर अस्थायी व्यवस्था में कर्मचारियों की नियुक्तियों को सरकार ने पूर्णत: प्रतिबंधित कर दिया है। 

कार्मिक की ओर से इस संबंध में जारी आदेश के बाद इन कर्मचारियों के भविष्य पर तलवार लटक गई है। सरकार ने सभी रिक्त पदों को नियमित चयन प्रक्रिया से भरने के आदेश दिए हैं। 

सभी विभागाध्यक्षों को रिक्त पदों का सम्यक आकलन करते हुए नियमित भर्ती के लिए अधियाचन तैयार कर चयन संस्थाओं को समय से प्रेषित करने को कहा गया है। साथ ही चयन प्रक्रिया पूरी करने के लिए चयन संस्थाओं में राज्य लोक सेवा आयोग, राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के साथ विभाग समन्वय स्थापित करेंगे। 

आउटसोर्स एजेंसियों द्वारा लगभग 50 हजार कर्मचारी तैनात

प्रदेश में विभिन्न विभागों में उपनल समेत विभिन्न आउटसोर्स एजेंसियों के माध्यम से लगभग 50 हजार कर्मचारी तैनात हैं। इसी प्रकार संविदा, अंशकालिक, दैनिक वेतन, नियत वेतन समेत विभिन्न प्रकार से लगभग 20 हजार कर्मचारी कार्य कर रहे हैं। इनमें शिक्षा विभाग में सर्वाधिक लगभग पांच हजार अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं। इसी प्रकार उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा समेत विभिन्न विभागों में अस्थायी व्यवस्था पर शिक्षक एवं कर्मचारी कार्यरत हैं।