स्थान: देहरादून | तारीख: 18 जुलाई 2025
सावन माह और कांवड़ यात्रा के चलते उत्तराखंड में धार्मिक भावनाओं का सम्मान बनाए रखने के लिए प्रशासन हरकत में आ गया है। देहरादून के रायपुर क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा विभाग ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए दर्जनों मीट की दुकानों पर छापेमारी की। इस दौरान अनियमितताएं पाए जाने पर 8 दुकानों को नोटिस थमा दिए गए।
कहां-कहां हुई कार्रवाई?
- चूना भट्टा
- सहस्त्रधारा रोड
- आईटी पार्क क्षेत्र
निरीक्षण टीम ने इन क्षेत्रों में गहन जांच अभियान चलाया, जहां सावन और कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की आवाजाही अधिक रहती है।
क्या-क्या पाई गईं गड़बड़ियां?
- दुकानों में खाद्य लाइसेंस प्रदर्शित नहीं थे
- स्वच्छता के मानकों की खुलकर अनदेखी
- अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) का अभाव
- कई दुकानदार स्वास्थ्य सुरक्षा नियमों से अनजान
कार्रवाई का नेतृत्व किसने किया?
- सहायक आयुक्त (खाद्य सुरक्षा): मनीष सयाना
- वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी (नगर निगम): रमेश सिंह
- वरिष्ठ अधिकारी (ऋषिकेश): संतोष कुमार
टीम ने सभी दुकानदारों को निर्धारित समय के भीतर आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने और सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। अनुपालन न होने की स्थिति में कड़ी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
अब आगे क्या?
जिन दुकानों को नोटिस दिए गए हैं, उन्हें
- खाद्य लाइसेंस सार्वजनिक रूप से चस्पा करना होगा
- स्वच्छता बनाए रखने के प्रमाण देने होंगे
- NOC दिखाना अनिवार्य होगा
अन्यथा, लाइसेंस रद्द करने से लेकर दुकान सील तक की कार्रवाई की जा सकती है।
जन सहयोग की अपील
खाद्य सुरक्षा विभाग ने आम जनता से अपील की है कि यदि कोई भी व्यक्ति किसी खाद्य प्रतिष्ठान में गंदगी, बिना लाइसेंस संचालन या किसी भी तरह की अनियमितता देखता है, तो तुरंत विभाग को सूचना दें।
शिकायत दर्ज करने के लिए हेल्पलाइन नंबर और पोर्टल जल्द जारी किया जाएगा।
अधिकारी बोले:
“सावन और कांवड़ यात्रा के दौरान जनभावनाओं और स्वास्थ्य सुरक्षा के साथ किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। यह अभियान संवेदनशील क्षेत्रों में आगे भी जारी रहेगा।”
— मनीष सयाना, सहायक आयुक्त (खाद्य सुरक्षा)
निष्कर्ष:
सावन में धार्मिक आस्थाओं और सार्वजनिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए की जा रही इस कार्रवाई को जनता का भी सहयोग मिल रहा है। अब देहरादून में मीट दुकानों पर स्वच्छता, लाइसेंस और पारदर्शिता का पालन अनिवार्य होगा।
कांवड़ की पवित्रता में कोई बाधा न आए — प्रशासन का संकल्प साफ है।