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उत्तराखंड में 13 आदर्श संस्कृत ग्रामों का वर्चुअल शुभारंभ, सीएम धामी बोले – ‘संस्कृत बने जीवन का हिस्सा’

भोगपुर (देहरादून), 11 अगस्त 2025 — उत्तराखंड के सांस्कृतिक और भाषाई गौरव को नई दिशा देने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को 13 जिलों के 13 आदर्श संस्कृत ग्रामों का वर्चुअल शुभारंभ किया। यह आयोजन उत्तराखंड संस्कृत अकादमी और केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में राजकीय प्राथमिक विद्यालय, भोगपुर में हुआ।

सीएम धामी ने अपने संबोधन में कहा कि संस्कृत सिर्फ पूजा-पाठ तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि इसे बोलचाल और दैनिक जीवन में अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा, “संस्कृत ग्रामों से लोगों में संस्कार बढ़ेंगे और यह भाषा पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़े, इसके लिए संस्कृत भवनों का निर्माण और राजकीय प्राथमिक संस्कृत विद्यालयों की स्थापना की जाएगी।”

मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि राज्य के एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और अन्य प्रमुख स्थानों पर अब तक 5,000 से अधिक संस्कृत नामपट्ट लगाए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि सनातन संस्कृति के वेद, पुराण, उपनिषद और ग्रंथ संस्कृत में ही रचे गए हैं, और पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।

नई शिक्षा नीति के तहत संस्कृत को आधुनिक और व्यवहारिक भाषा के रूप में स्थापित करने के लिए ऑनलाइन शिक्षण प्लेटफॉर्म, ई-संस्कृत और मोबाइल एप विकसित किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने लोकसभा की कार्यवाही का अनुवाद संस्कृत में करने की शुरुआत भी की है।

आपदा पीड़ितों के लिए बड़ी घोषणा

कार्यक्रम के दौरान सीएम धामी ने धराली-हर्षिल आपदा में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए दो मिनट का मौन रखा। उन्होंने कहा कि इस त्रासदी में जनहानि के साथ पशु, मकान, होटल और फसलें नष्ट हुई हैं। सरकार प्रभावित परिवारों को तत्काल पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता दे रही है और एक हफ्ते में रिपोर्ट देने के लिए राजस्व सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है।

अन्य घोषणाएं और पहल

  • नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद 23,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी मिली।
  • समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना।
  • ऑपरेशन कालनेमि के तहत सनातन धर्म को बदनाम करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी।

कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि अगले वर्ष से सभी संस्कृत विद्यालयों और महाविद्यालयों में एनसीसी, एनएसएस और स्काउट-गाइड की शुरुआत होगी।

ये हैं 13 आदर्श संस्कृत ग्राम

  1. भोगपुर (देहरादून)
  2. मुखेम (टिहरी गढ़वाल)
  3. कोटगांव (उत्तरकाशी)
  4. बैंजी (रुद्रप्रयाग)
  5. डिम्मर (चमोली)
  6. गोदा (पौड़ी गढ़वाल)
  7. उर्ग (पिथौरागढ़)
  8. जैंती पाण्डेकोटा (अल्मोड़ा)
  9. शेरी (बागेश्वर)
  10. खर्ककार्की (चंपावत)
  11. नूरपुर पंजनहेड़ी (हरिद्वार)
  12. पांडे गांव (नैनीताल)
  13. नगला तराई (ऊधमसिंहनगर)

मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से इन गांवों के निवासियों से सीधा संवाद भी किया और भोगपुर महादेव खाले के ट्रीटमेंट के लिए 9 करोड़ रुपये की मंजूरी देने की घोषणा की।

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