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उत्तराखंड में SIR प्रक्रिया की तैयारियां शुरू, 2003 की मतदाता सूची से होगी वर्तमान वोटर लिस्ट की मैपिंग

दिनांक: 04 दिसंबर 2025
स्थान: देहरादून, उत्तराखंड

प्री-SIR गतिविधियों को मिली गति, निर्वाचन आयोग ने शुरू की प्राथमिक तैयारियां

भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के तहत उत्तराखंड में प्री-एसआईआर (Special Intensive Revision) की प्रक्रियाएं औपचारिक रूप से शुरू कर दी गई हैं। राज्य में आगामी विशेष गहन पुनरीक्षण से पहले मतदाता सूची से संबंधित सभी प्रारंभिक तैयारियों को तेज किया गया है।


हर मतदाता तक ‘पहुंच, समन्वय और संवाद’ मिशन पर फोकस

मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने बताया कि मतदाताओं को किसी भी असुविधा से बचाने के लिए ‘प्रत्येक मतदाता तक पहुंच, समन्वय और संवाद’ नामक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान बूथ स्तर तक मतदाताओं से जुड़कर उनके नाम सही ढंग से दर्ज करने पर केंद्रित है।


2003 की मतदाता सूची के आधार पर होगी मैपिंग

अधिकारियों के अनुसार उत्तराखंड में वर्ष 2003 में अंतिम बार SIR किया गया था। इस बार 2003 की मतदाता सूची को आधार बनाते हुए वर्तमान वोटरों की पहचान और सत्यापन किया जाएगा।

  • 40 वर्ष से कम आयु के ऐसे मतदाता जिनके नाम 2003 की लिस्ट में दर्ज थे, उनकी सीधे BLO ऐप के माध्यम से मैपिंग की जाएगी।

  • वहीं 40 वर्ष या उससे अधिक आयु के ऐसे मतदाता जिनके नाम 2003 की सूची में दर्ज नहीं हैं, उनकी पहचान माता-पिता या दादा-दादी के नाम के आधार पर progeny mapping के रूप में की जाएगी।

पुरानी मतदाता सूची www.ceo.uk.gov.in और www.voters.eci.gov.in पर उपलब्ध है, जहाँ से मतदाता अपने विवरण खोज सकते हैं।


राजनीतिक दलों से बीएलए नियुक्त करने की अपील

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राज्य के सभी राष्ट्रीय राजनीतिक दलों से अधिक से अधिक Booth Level Agents (BLA) नियुक्त करने की अपील की है।
वर्तमान में 11,733 बूथ होने के बावजूद केवल 4,155 BLA ही नियुक्त हैं, जो प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है।


मतदाताओं की सहायता के लिए स्थापित होंगी हेल्प डेस्क

डॉ. पुरुषोत्तम ने बताया कि सभी जिलाधिकारियों, EROs और BLOs को निर्देश दिए गए हैं कि वे मतदाताओं के बीच प्रभावी पहुंच सुनिश्चित करें।
जनपद स्तर और ERO कार्यालयों में विशेष हेल्प डेस्क स्थापित की जा रही हैं, ताकि मतदाता आसानी से जानकारी और सहायता प्राप्त कर सकें।


वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में हुई बैठक

इस बैठक में अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे, संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रकाश चंद्र, और सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी मस्तु दास भी उपस्थित रहे।


निष्कर्ष

उत्तराखंड में शुरू हो रही SIR प्रक्रिया राज्य की मतदाता सूची को अधिक सटीक, अद्यतन और पारदर्शी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। 2003 की मतदाता सूची से तुलना करके वर्तमान वोटरों की पहचान सुनिश्चित की जाएगी, जिससे किसी भी पात्र मतदाता का नाम सूची से छूट न जाए। राजनीतिक दलों की सक्रिय भागीदारी और स्थापित हेल्प डेस्क इस प्रक्रिया को और सुगम बनाएगी।

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