Uttarakhand Tourism उत्तराखंड में तीन दिनों की छुट्टियों के कारण राजधानी देहरादून के सहस्रधारा गुच्चुपानी और लच्छीवाला जैसे पर्यटन स्थल पर्यटकों से गुलजार हो गए हैं । लगभग सात हजार पर्यटकों ने जलस्रोतों में मस्ती की और स्थानीय व्यंजनों का आनंद लिया। इस दौरान उत्तराखंड में समर टूरिज्म का आगाज हो गया जिससे स्थानीय व्यापारियों के चेहरे खिल उठे।
लच्छीवाला में पर्यटकों ने उठाया बाेटिंग का लुत्फ
मई-जून के दौरान भीषण गर्मी में देहरादून के पर्यटन स्थलों में रोज हजारों पर्यटक पहुंचते हैं। जुलाई में बारिश शुरू होने से इन पर्यटन स्थलों के जलस्रोतों का प्रवाह अधिक हो जाता है और यह वीरान हो जाते हैं। क्योंकि पानी अधिक होने से लोगों के बहने का खतरा बढ़ जाता है।गर्मियों की छुट्टियां शुरू होते ही फिर से इनमें भीड़ लगना शुरू हो जाती है। लेकिन इस बार अप्रैल की शुरूआत में ही एक साथ 12, 13 और 14 अप्रैल को छुट्टी होने से इन पर्यटन स्थलों में भीड़ बढ़ गई।
रविवार को गुच्चपुानी में 3,500, सहस्रधारा में करीब दो हजार और लच्छीवाला 1,500 से अधिक पर्यटक पहुंचे। पर्यटकों ने ट्यूब की मदद से सभी पर्यटन स्थलों के जलस्रोतों में खूब नहाया और सेल्फियां ली। लच्छीवाला में पर्यटकों ने बाेटिंग का लुत्फ उठाया।
गानों की धुन पर थिरके पर्यटक
सहस्रधारा में जलस्रोत के किनारे संचालित खाने-पीने के स्टालों में चल रहे डीजे के गानों की धुन पर्यटक खूब थिरके। पर्यटकों ने एक-दूसरे पर पानी की बौछार डालकर जश्न मनाया। वहीं, कुछ पर्यटक अपने साथ खाने-पीने का सामान और चटाई लेकर आए। उन्होंने जंगलों के किनारे एकांत में बैठकर पिकनिक मनायी और खूब गप्पे लड़ाए।
व्यापारियों के खिले चेहरे
पर्यटन स्थलों में मौजूद ट्यूब, चेंजिंग रूम, खाने-पीने के स्टाल और होटल व्यापारियों के व्यापार में महीनों बाद इजाफा होने से उनके चेहरे खिल गए। अपने घर और प्लाट में वाहनों की पार्किंग कराने वाले लोगों ने भी अच्छी-खासी कमायी की। सड़क के किनारे अस्थायी रूप से खाने-पीने और खिलौने बेचने वाले कारोबारियों की भी खूब कमायी हुई।
सहस्रधारा में पर्यटन विभाग का नियंत्रण नहीं
सहस्रधारा में पर्यटन विभाग और स्थानीय ग्रामीण-व्यापारियों का विवाद समाप्त न होने का खामियाजा पर्यटकों को भुगतना पड़ रहा है। विभाग का नियंत्रण न होने से पर्यटक अपने वाहन जलस्रोतों के समीप तक ले जाते हैं। जिससे जलस्रोत वाली रोड पर दिनभर जाम लगता है और इसे खुलवाने वाला कोई नहीं होता। पर्यटक मनमाने ढंग से सड़क के किनारे वाहन पार्क करते हैं और इससे भी मार्ग जाम हो जाता है।
जिला पर्यटन विकास अधिकारी सीमा नौटियाल ने बताया कि हाल ही में सहस्रधारा के ग्रामीण-व्यापारियों के साथ प्रशासन के समक्ष बैठक हुई। प्रशासन के निर्देश पर पर्यटकों की सुविधा के लिए जल्द ही वहां कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी।