गैरसैंण (भराड़ीसैंण), 18 अगस्त 2025 – उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र मंगलवार से ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में शुरू हो रहा है। इस सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच तीखा टकराव देखने को मिल सकता है। मुख्य मुद्दे रहेंगे – धराली-हर्षिल आपदा में राहत कार्यों की स्थिति और हाल ही में संपन्न त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में कथित गड़बड़ी।
आपदा राहत पर विपक्ष का हमला
उत्तरकाशी के हर्षिल और धराली में आई भीषण प्राकृतिक आपदा और उससे हुए भारी नुकसान को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। विपक्ष का आरोप है कि आपदा प्रभावितों को पर्याप्त राहत नहीं दी गई और सरकार केवल दिखावा कर रही है।
- विपक्ष राज्य सरकार से तुरंत आपदा राहत पैकेज की मांग करेगा।
- उत्तरकाशी के अलावा पिथौरागढ़, चमोली, पौड़ी, हरिद्वार और टिहरी जैसे जिलों में हुई भारी बारिश, भूस्खलन, बाढ़ और जलभराव से हुए नुकसान पर भी चर्चा होगी।
- कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने सदन के बाहर धरना-प्रदर्शन करने की भी योजना बनाई है।
पंचायत चुनाव पर तकरार
आपदा के साथ ही विपक्ष की दूसरी बड़ी तैयारी हाल ही में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर है। विपक्ष का दावा है कि चुनावों में बड़े पैमाने पर धांधली हुई।
- कांग्रेस ने नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है।
- विपक्ष पहले ही राज्य निर्वाचन आयुक्त को हटाने की मांग लेकर राजभवन तक पहुंच चुका है।
- नेता प्रतिपक्ष समेत कांग्रेस विधायकों पर इस मामले में मुकदमा दर्ज हो चुका है, जिससे विपक्ष और ज्यादा आक्रामक हो गया है।
अन्य मुद्दों पर भी घेरा जाएगा सरकार
आपदा और पंचायत चुनाव के अलावा विपक्ष बेरोजगारी, कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार, सड़क, पानी और बिजली जैसी मूलभूत समस्याओं को लेकर भी सरकार पर सवाल खड़े करेगा। साथ ही गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने के बावजूद उसकी उपेक्षा का मुद्दा भी विपक्ष उठाने की तैयारी में है।
सरकार का पलटवार तैयार
विपक्ष के रुख को देखते हुए सरकार भी पूरी तरह तैयार है।
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सत्र में धराली आपदा के बाद तुरंत उठाए गए कदमों और राहत कार्यों का विस्तृत ब्यौरा पेश कर सकते हैं।
- सरकार का दावा है कि राहत और बचाव अभियान तेज गति से चलाए गए और प्रभावितों को हरसंभव सहायता दी गई।
- पंचायत चुनावों में धांधली के विपक्षी आरोपों पर भी सरकार पलटवार करेगी।
सुबोध उनियाल पर निगाहें
इस बार संसदीय कार्यमंत्री की जिम्मेदारी कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल को दी गई है। विपक्षी हमलों का जवाब देने और सरकार के पक्ष को मजबूती से रखने में उनकी भूमिका अहम होगी। सत्र के दौरान उनके धैर्य और कौशल की भी कड़ी परीक्षा होगी।