स्थान: देहरादून / हरिद्वार
तारीख: 19 जून 2025
उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) द्वारा चलाया जा रहा साइबर अभियान अब केवल अपराधियों पर शिकंजा कसने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ज़िंदगी से जूझ रहे लोगों के लिए वरदान भी साबित हो रहा है। हाल ही में, STF और हरिद्वार पुलिस ने सोशल मीडिया कंपनी Meta की मदद से एक व्यक्ति को आत्महत्या करने से बचाया।
कैसे मिली जानकारी?
Meta (जो फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप का संचालन करती है) अमेरिका से प्रत्यक्ष कॉल और ईमेल के माध्यम से ऐसी किसी भी पोस्ट की जानकारी STF को देती है, जिसमें आत्महत्या की आशंका होती है।
19 जून को Meta ने देहरादून साइबर यूनिट को एक इंस्टाग्राम पोस्ट की सूचना दी, जिसमें राजेश (परिवर्तित नाम) नामक युवक ने आत्महत्या की मंशा व्यक्त की थी।
STF और पुलिस ने दिखाई तत्परता
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सूचना मिलते ही देहरादून साइबर क्राइम यूनिट में तैनात अपर उपनिरीक्षक मुकेश चंद और आरक्षी नितिन रमोला ने तुरंत हरिद्वार कंट्रोल रूम को सूचित किया।
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हरिद्वार पुलिस की टीम ने तत्काल युवक की लोकेशन ट्रेस की और समय रहते पहुंचकर उसे आत्मघाती कदम उठाने से रोक दिया।
पारिवारिक समस्याओं से था परेशान
युवक ने पुलिस को बताया कि वह पारिवारिक तनाव से बेहद परेशान था, जिससे तंग आकर उसने इंस्टाग्राम पर आत्महत्या से संबंधित पोस्ट की थी।
पुलिस ने उसे काउंसलिंग दी और भविष्य में ऐसा न करने की समझाइश दी।
Meta और STF की साझेदारी: संकट में जिंदगी का सहारा
राज्य में अगर कोई भी आत्महत्या से संबंधित पोस्ट या संदेश सोशल मीडिया पर आता है, तो Meta तुरंत अमेरिका स्थित सर्वर से भारतीय एजेंसियों को अलर्ट भेजता है।
उत्तराखंड STF इस अलर्ट पर तेजी से कार्रवाई करती है। इसी के चलते अब तक कई लोगों की जानें बचाई जा चुकी हैं।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर साइबर अपराध पर सख्ती
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर STF न केवल साइबर ठगों पर शिकंजा कस रही है, बल्कि डिजिटल मंचों पर मानसिक संकट से जूझ रहे लोगों की निगरानी और सहायता भी कर रही है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह के नेतृत्व में टीम सोशल मीडिया गतिविधियों पर सतत निगरानी रख रही है।
ज़रूरत है सामूहिक जागरूकता की
STF ने इस अभियान को केवल पुलिस का दायित्व न मानते हुए समाज को भी जागरूक होने की अपील की है। यदि कोई व्यक्ति सोशल मीडिया पर आत्महत्या संबंधी संकेत देता है, तो तत्काल इसकी सूचना पुलिस या हेल्पलाइन को दें।
जरूरत पड़ने पर मदद लें:
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मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन: 1800-599-0019
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साइबर हेल्पलाइन: 1930
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नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर थाना