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उपनल कर्मियों पर एस्मा लागू: कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल का आरोप — “संवाद छोड़ दमन का रास्ता अपनाया सरकार ने”

 दिनांक : 20 नवंबर 2025
देहरादून, उत्तराखंड

उत्तराखंड सरकार द्वारा उपनल कर्मचारियों पर एस्मा (आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम) और नो वर्क–नो पे लागू किए जाने के बाद राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है।
राज्य कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने इस फैसले को तानाशाहीपूर्ण और कर्मचारियों के हितों के खिलाफ बताते हुए सरकार पर तीखा प्रहार किया है।


“वर्षों से काम करने वाले कर्मियों पर अचानक एस्मा? — यह दमन है, समाधान नहीं”

गणेश गोदियाल ने कहा कि उपनल कर्मी पिछले कई वर्षों से:

  • स्वास्थ्य सेवाएं
  • सुरक्षा कार्य
  • प्रशासनिक जिम्मेदारियाँ
  • तकनीकी यूनिट
  • फील्ड ऑपरेशंस

जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं संभालते आए हैं, वह भी बिना स्थायीकरण, बिना सुरक्षा, और बिना उचित वेतनमान के।

उन्होंने कहा कि—

“जब ये कर्मचारी अपने वैध अधिकारों, स्पष्ट नीति और स्थायी सेवा शर्तों की मांग कर रहे हैं, तब सरकार ने संवाद की जगह दमन का रास्ता चुना है। यह धामी सरकार की नीतिगत असफलता और कर्मचारियों के प्रति असंवेदनशीलता का प्रमाण है।”


“कर्मचारियों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार” — कांग्रेस अध्यक्ष का आरोप

गोडियाल का कहना है कि सरकार द्वारा लगाया गया एस्मा यह दर्शाता है कि—

  • सरकार असली मुद्दों पर बातचीत से बच रही है
  • कर्मचारियों की आवाज़ को दबाने की कोशिश हो रही है
  • वर्षों की उपेक्षा को छिपाने के लिए शासन सख्ती दिखा रहा है

उन्होंने यह भी कहा—

“एस्मा लगाकर सरकार ने कर्मचारियों को अपराधी की तरह प्रस्तुत किया है, जबकि असली अपराध उनकी लगातार उपेक्षा है।”


उपनल व्यवस्था में अनियमितताओं पर सरकार मौन — कांग्रेस का बड़ा आरोप

कांग्रेस अध्यक्ष ने उपनल व्यवस्था पर भी कई सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि इस सिस्टम में—

  • भारी अनियमितताएँ
  • कमीशन आधारित प्रणाली
  • संविदा-निर्भर तंत्र

कई वर्षों से मौजूद हैं, लेकिन सरकार इन पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं देना चाहती।

उन्होंने कहा कि जिस प्रदेश में—

  • डॉक्टरों
  • नर्सिंग स्टाफ
  • तकनीकी कर्मचारियों
  • ड्राइवरों
  • फील्ड वर्कर्स

की भारी कमी है, वहां एस्मा लगाकर सरकार अपनी घबराहट और प्रशासनिक कमज़ोरी उजागर कर रही है।


निष्कर्ष

उपनल कर्मचारियों पर एस्मा लागू होने के बाद सरकार और विपक्ष आमने-सामने आ खड़े हुए हैं। जहां सरकार इसे आवश्यक कदम बता रही है, वहीं कांग्रेस इसे पूरी तरह दमनकारी और कर्मचारियों के हितों के खिलाफ बता रही है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और राजनीतिक गर्माहट ला सकता है, क्योंकि हजारों उपनल कर्मचारी अपनी मांगों पर अडिग हैं और विपक्ष सरकार को कठघरे में खड़ा करने में जुट गया है।

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