देहरादून | उत्तराखंड
दिनांक : 13 दिसंबर 2025
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में 47वीं ऑल इंडिया पब्लिक रिलेशन कॉन्फ्रेंस–2025 का भव्य आगाज हुआ। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दीप प्रज्वलन कर सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने सम्मेलन परिसर में आयोजित फोटो प्रदर्शनी, स्थानीय हस्तशिल्प उत्पादों के स्टॉल और नवाचार आधारित प्रदर्शनों का अवलोकन कर प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया।
13 से 15 दिसंबर तक चलेगा तीन दिवसीय राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन
पब्लिक रिलेशंस सोसाइटी ऑफ इंडिया (PRSI) द्वारा आयोजित यह तीन दिवसीय सम्मेलन 13 से 15 दिसंबर तक चलेगा। सम्मेलन की थीम “विकसित भारत @2047: विकास भी, विरासत भी” रखी गई है। देशभर के जनसंपर्क, मीडिया और कम्युनिकेशन क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ-साथ रूस से आए प्रतिनिधियों की सहभागिता ने इसे अंतरराष्ट्रीय स्वरूप प्रदान किया है।
PR केवल सूचना नहीं, राष्ट्र निर्माण का सशक्त माध्यम : सीएम धामी
मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में कहा कि आज के डिजिटल युग में पब्लिक रिलेशन केवल सूचना साझा करने का माध्यम नहीं रहा, बल्कि यह राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया का एक प्रभावशाली स्तंभ बन चुका है। उन्होंने कहा कि “PR विजन–2047” विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में अहम भूमिका निभाएगा।
गलत सूचना के दौर में भरोसेमंद संवाद सबसे बड़ी चुनौती
सीएम धामी ने कहा कि सूचना के इस युग में जहां एक ओर तेजी से सूचनाएं पहुंच रही हैं, वहीं मिसइन्फॉर्मेशन और फेक न्यूज एक गंभीर चुनौती बनकर उभरी है। ऐसे समय में सरकार और जनता के बीच सही, समयबद्ध और विश्वसनीय संवाद स्थापित करना जनसंपर्क की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।
उन्होंने विशेष रूप से कहा कि उत्तराखंड जैसे आपदा-संवेदनशील और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य में संवाद केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि विश्वास की बुनियाद है।
आपदा प्रबंधन से पर्यटन तक, PR को बनना होगा टेक-सेवी और संवेदनशील
मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य की जनसंपर्क प्रणाली को तेज, तकनीकी रूप से सक्षम और जनभावनाओं के प्रति संवेदनशील बनाना होगा। आपदा प्रबंधन, सुशासन, धार्मिक आयोजन और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में पीआर को केवल सूचना प्रसार नहीं, बल्कि साझेदारी और विश्वास का सेतु बनना होगा।
कठिन समय में PR बनेगा कमांड सेंटर
सीएम धामी ने विश्वास जताया कि संकट के समय पब्लिक रिलेशन एक सक्षम कमांड सेंटर की भूमिका निभा सकता है और साथ ही देश के लिए सकारात्मक नैरेटिव गढ़ने में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड से निकला यह विजन विकसित भारत–2047 के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगा।
उत्तराखंड की विकास यात्रा पर सीएम का फोकस
मुख्यमंत्री ने राज्य की प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड निरंतर विकास के पथ पर अग्रसर है।
उन्होंने बताया कि—
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वर्ष 2024–25 में राज्य की अर्थव्यवस्था लगभग 3.78 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने वाली है
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प्रति व्यक्ति आय में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है
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बजट में ऐतिहासिक बढ़ोतरी और बेरोजगारी दर में कमी आई है
इन्फ्रास्ट्रक्चर, पर्यटन और कनेक्टिविटी को नई रफ्तार
सीएम धामी ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, खेल, पेयजल, हवाई और रेल कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में तेज़ी से आधुनिक अवसंरचना का विकास किया जा रहा है।
उन्होंने ऋषिकेश–कर्णप्रयाग रेल परियोजना, दिल्ली–देहरादून एक्सप्रेसवे, रोपवे योजनाओं और हवाई अड्डों के विस्तार को राज्य के विकास के लिए गेम चेंजर बताया।
साथ ही शीतकालीन यात्रा के जरिए सालभर पर्यटन को बढ़ावा देने की पहल को भी रेखांकित किया।
निवेश, स्टार्टअप और स्थानीय उत्पादों को मजबूती
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से मिले निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने में उत्तराखंड को बड़ी सफलता मिली है।
सिंगल विंडो सिस्टम, नई औद्योगिक नीति और स्टार्टअप योजनाओं ने राज्य को निवेश का उभरता केंद्र बना दिया है।
उन्होंने “एक जनपद–दो उत्पाद”, हाउस ऑफ हिमालयाज, मिलेट मिशन, नई पर्यटन और फिल्म नीति को स्थानीय आजीविका के लिए मील का पत्थर बताया।
राष्ट्रीय मंच पर उत्तराखंड की सशक्त पहचान
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग्स में उत्तराखंड की उपलब्धियां राज्य के पारदर्शी, प्रभावी और जनभागीदारी आधारित शासन का प्रमाण हैं। विकास के साथ-साथ सांस्कृतिक विरासत, सामाजिक संतुलन और मूल्यों के संरक्षण के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
प्रमुख हस्तियों की रही मौजूदगी
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद मुनि, अपर सचिव बंशीधर तिवारी, PRSI के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत पाठक, देहरादून चैप्टर अध्यक्ष रवि बिजारनिया, रूसी प्रतिनिधि माइकल मस्लोव, यूलिया दाव्यदेंको, अन्ना तलानीना सहित देशभर से आए जनसंपर्क एवं कम्युनिकेशन प्रोफेशनल्स उपस्थित रहे।
निष्कर्ष
ऑल इंडिया पब्लिक रिलेशन कॉन्फ्रेंस–2025 न केवल जनसंपर्क के बदलते स्वरूप पर मंथन का मंच है, बल्कि विकसित भारत–2047 की दिशा तय करने वाला एक वैचारिक केंद्र भी बनकर उभरा है। मुख्यमंत्री धामी का संदेश स्पष्ट है— विश्वसनीय संवाद, तकनीक और विश्वास के सहारे ही मजबूत लोकतंत्र और सशक्त भारत का निर्माण संभव है।


