देहरादून, 10 सितंबर 2025
उत्तराखंड वन विभाग में जारी अनियमितताओं के मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कार्बेट टाइगर रिजर्व घोटाले में पूर्व निदेशक राहुल को बचाने की कोशिश पर अदालत ने नाराजगी जताई और सरकार को 17 सितंबर तक अपना स्पष्ट रुख पेश करने का आदेश दिया।
कार्बेट घोटाले ने बढ़ाई सरकार की मुश्किलें
कार्बेट टाइगर रिजर्व में हुए घोटाले ने राज्य सरकार और वन विभाग दोनों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। पेड़ कटान, अवैध निर्माण, सीमांकन पिलरों का गायब होना और फंड की हेराफेरी जैसी अनियमितताओं की जांच जारी है। कई अधिकारियों पर पहले ही कार्रवाई हो चुकी है, जबकि कुछ पर अब भी तलवार लटक रही है।
सुप्रीम कोर्ट की कड़ी नाराजगी
बीते सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि राज्य सरकार पूर्व निदेशक राहुल को बचाने की कोशिश कर रही है। अदालत ने चेतावनी दी कि यदि 17 सितंबर तक सरकार ने अपना रुख स्पष्ट नहीं किया तो मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होना पड़ेगा।
पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर किसी भी अधिकारी को बचाने की कोशिश की गई, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सीबीआई जांच में आए कई बड़े नाम
मार्च 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने बिना अनुमति पेड़ कटान और अवैध निर्माण के आरोपों की जांच सीबीआई को सौंपी थी। सीबीआई की रिपोर्ट में आठ अधिकारियों के नाम सामने आए, जिनमें सबसे वरिष्ठ पूर्व निदेशक राहुल थे।
इसके अलावा रिपोर्ट में दो अन्य आइएफएस अधिकारियों — अखिलेश तिवारी और किशन चंद — के नाम भी शामिल हैं। राज्य सरकार ने पिछले महीने इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन की अनुमति दे दी थी, लेकिन राहुल के मामले में अनुमति देने से इनकार कर दिया।
राज्य सरकार का पत्र बना सवालों का कारण
चार अगस्त को राज्य सरकार ने सीबीआई को पत्र भेजकर कहा कि विधि विभाग से विचार-विमर्श के बाद अभियोजन की अनुमति देने का कोई आधार नहीं पाया गया। इसी रुख पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा सवाल उठाया और सरकार की नीयत पर संदेह जताया।
अब माना जा रहा है कि एक सप्ताह के भीतर पूर्व निदेशक राहुल के खिलाफ भी अभियोजन की संस्तुति हो सकती है।