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केदारनाथ हेलिकॉप्टर हादसा: कोहरे की चादर बना काल, आंखों देखी सुनाई शर्मिला-संजू की जुबानी

गौरीकुंड | केदारनाथ रूट | 16 जून 2025

उत्तराखंड के केदारनाथ यात्रा मार्ग पर रविवार सुबह घटा हेलिकॉप्टर हादसा जितना दर्दनाक था, उससे कहीं ज्यादा भयावह था उसे अपनी आंखों से देखना। कोहरे की घनी चादर अचानक आसमान से लिपटी, और कुछ ही पलों में सात जिंदगियां लील गईं। प्रत्यक्षदर्शियों में शामिल नेपाली मूल की शर्मिला और उनकी बहन संजू ने हादसे की जो तस्वीर बयान की, वो रूह कंपा देने वाली है।

“कोहरा अचानक छाया और सब खत्म हो गया”

गौरीकुंड में रहने वाली शर्मिला और संजू रविवार सुबह चार बजे अन्य स्थानीय महिलाओं के साथ गौरी माई खर्क की ओर रवाना हुई थीं। यह महिलाएं केदारनाथ यात्रा में घोड़ा-खच्चर चलाने वाले यात्रियों के लिए चारा (घास) काटने जाती हैं। शर्मिला बताती हैं, “हम सुबह पांच बजे तक गौरी माई खर्क पहुंच गई थीं। आसमान में बादल तो थे, पर दृश्यता साफ थी। अचानक एक हेलिकॉप्टर उस क्षेत्र में उड़ता दिखा, और तभी चारों तरफ घना कोहरा छा गया।”

हेलिकॉप्टर जैसे ही कोहरे में गया, दिशा बदली और फिर

“जैसे ही हेलिकॉप्टर ने कोहरे में प्रवेश किया, वह अचानक थोड़ा मुड़ा, फिर पीछे गया और धीरे-धीरे नीचे आने लगा। लगता है पायलट ने संतुलन बनाने की कोशिश की, लेकिन तभी वह एक ऊंचे पेड़ से टकरा गया और जमीन पर आ गिरा,” शर्मिला ने कांपती आवाज़ में कहा। उनके अनुसार, “हेलिकॉप्टर हमारे पास से करीब 20 मीटर की दूरी पर गिरा और उसमें तुरंत आग लग गई। वो जलता रहा… बहुत देर तक…”

“सब कुछ खत्म हो चुका था, एक बच्ची को नीचे पड़ा देखा”

शर्मिला और संजू जब हादसे की जगह पहुंचीं तो वहां मंजर बेहद दिल दहलाने वाला था। “एक बच्ची नीचे गिरी हुई थी, शायद हेलिकॉप्टर से गिरने के बाद पत्थर से टकरा गई थी। वह जीवित नहीं थी। चारों तरफ सिर्फ आग की लपटें थीं और घना धुआं था। हम कुछ सुन भी नहीं पा रहे थे।”

ठेकेदार को दी सूचना, फिर पहुंची रेस्क्यू टीम

दोनों बहनों ने हादसे की जानकारी तुरंत फोन पर अपने ठेकेदार को दी, जो वहां घोड़ा-खच्चर सेवाओं के लिए उन्हें काम पर लगाते हैं। ठेकेदार ने अन्य माध्यमों से जिला आपदा नियंत्रण केंद्र को सूचना दी, जिसके बाद एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर भेजी गईं।


सात लोगों की मौत, श्रद्धालुओं की यात्रा में छाया मातम

इस दर्दनाक हादसे में हेलिकॉप्टर में सवार सात लोगों की मौत हो गई। इनमें पायलट समेत पांच यात्री, एक महिला और एक बच्ची शामिल थी। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर यह हादसा न केवल प्रशासन के लिए चेतावनी है, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए भी एक सीख है कि प्रकृति की अनदेखी कितनी भारी पड़ सकती है।

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