देहरादून | उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग
दिनांक : 13 दिसंबर 2025
देहरादून में गेस्ट हाउस से जुड़े एक गंभीर मामले को लेकर उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग ने कड़ा रुख अपनाया है। शिमला बाईपास के निकट एक गेस्ट हाउस में नाबालिग लड़की के साथ संदिग्ध अवस्था में युवक के मिलने की घटना के बाद आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने स्वतः संज्ञान लेते हुए पूरे मामले की गहन जांच के निर्देश दिए हैं।
रात तीन बजे की घटना, मोबाइल से मिले आपत्तिजनक साक्ष्य
बीते बुधवार रात लगभग तीन बजे पुलिस कार्रवाई के दौरान एक नाबालिग लड़की युवक के साथ संदिग्ध हालात में मिली। जांच में युवक के मोबाइल फोन से बड़ी संख्या में लड़कियों से जुड़ी आपत्तिजनक चैट और वीडियो सामने आने की बात कही गई है। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए महिला आयोग ने पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
नाबालिग की सुरक्षा और काउंसलिंग पर विशेष जोर
आयोग अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि पीड़िता की सुरक्षा सर्वोपरि है। नाबालिग की काउंसलिंग, मनोवैज्ञानिक सहयोग और परिजनों को हरसंभव सहायता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि नाबालिग से जुड़े मामलों में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
आरोपी पर कड़ी धाराओं में कार्रवाई के निर्देश
महिला आयोग ने एसपी सिटी को निर्देशित किया है कि आरोपी के खिलाफ सख्त कानूनी धाराओं में कार्रवाई की जाए। साथ ही डिजिटल साक्ष्यों की फॉरेंसिक जांच कराई जाए और गेस्ट हाउस प्रबंधन की भूमिका की भी विस्तृत जांच हो। आयोग ने यह भी कहा कि यदि प्रबंधन की लापरवाही सामने आती है तो उसके खिलाफ भी कठोर कदम उठाए जाएं।
होटल-गेस्ट हाउसों में रजिस्टर अनिवार्य
आयोग ने भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए प्रदेशभर में सख्ती के संकेत दिए हैं। सभी होटल, गेस्ट हाउस, रात्रि विश्राम गृह और ठहरने की जगहों पर पहचान पत्र की जांच और आगंतुकों की पंजिका (रजिस्टर) अनिवार्य रूप से रखने के निर्देश दिए जाएंगे। साथ ही इन स्थानों पर पुलिस और हेल्पलाइन नंबर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करने को कहा जाएगा।
पूरे प्रदेश के डीएम को निर्देश जारी करने की तैयारी
महिला आयोग ने बताया कि राज्य के सभी जिलाधिकारियों को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे, ताकि नियमित निरीक्षण और अनुपालन सुनिश्चित हो सके। आयोग पूरे मामले पर सतत निगरानी बनाए हुए है।
निष्कर्ष
देहरादून गेस्ट हाउस प्रकरण ने प्रशासन और समाज—दोनों के सामने गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग की सख्ती से यह संदेश स्पष्ट है कि नाबालिगों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा। आरोपी और लापरवाह संस्थानों पर कड़ी कार्रवाई के साथ, प्रदेशभर में ठहराव स्थलों की निगरानी व्यवस्था मजबूत की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर प्रभावी रोक लग सके।


