उत्तराखंड | महिला सशक्तिकरण
देहरादून | 15 दिसंबर 2025
उत्तराखंड राज्य महिला आयोग के मुख्यालय नन्दा की चौकी, देहरादून में पिथौरागढ़ जनपद के जनजातीय क्षेत्रों से आई महिलाओं एवं पुरुषों के लिए एक विशेष शैक्षिक एवं जागरूकता भ्रमण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य जनजातीय समुदाय को महिला आयोग की भूमिका, कार्यप्रणाली और महिलाओं के अधिकारों के प्रति जागरूक करना रहा।
आयोग के कार्यों को करीब से समझा
कार्यक्रम के दौरान जनजातीय महिलाओं और पुरुषों ने उत्तराखंड राज्य महिला आयोग के दायित्वों, कार्यक्षेत्र और शिकायत निवारण प्रणाली की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। आयोग के अधिकारियों ने सरल भाषा में बताया कि महिलाएं किस प्रकार अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आयोग की सहायता ले सकती हैं।
“महिलाएं खुद जागरूक बनें, दूसरों को भी करें सुरक्षित”
— कुसुम कण्डवाल, अध्यक्ष
उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने संवाद के दौरान कहा कि महिलाओं को न केवल अपने अधिकारों के प्रति सजग रहना चाहिए, बल्कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को लेकर पुरुषों को भी जागरूक करने की जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सकारात्मक सामाजिक बदलाव तभी संभव है जब महिलाएं एक-दूसरे का साथ दें और अन्याय के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाएं।
बच्चों के संस्कार और समाज की दिशा पर जोर
अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने इस अवसर पर बच्चों को अच्छे संस्कार देने की आवश्यकता पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि आज बच्चों में दिए गए संस्कार ही आने वाले समय में समाज की दिशा तय करेंगे। संवेदनशील, जिम्मेदार और संस्कारित पीढ़ी के निर्माण में महिलाओं की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है।
सरकारी योजनाओं से आर्थिक सशक्तिकरण का संदेश
कार्यक्रम में महिलाओं को केंद्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी गई। अध्यक्ष ने बताया कि जनजातीय क्षेत्रों की महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिनमें—
- पशु सखी योजना
- स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आजीविका संवर्धन
- महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने वाली योजनाएं
- कौशल विकास एवं स्वरोजगार कार्यक्रम
उन्होंने महिलाओं से इन योजनाओं का लाभ उठाकर आत्मनिर्भर बनने और अन्य महिलाओं को भी इससे जोड़ने का आह्वान किया, साथ ही पुरुषों से महिलाओं को पूरा सहयोग देने की अपील की।
कानून और अधिकारों की दी गई जानकारी
इस अवसर पर आयोग के विधि अधिकारी दयाराम सिंह ने महिला आयोग में शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया और कानूनी सहायता की जानकारी दी। वहीं सदस्य सचिव उर्वशी चौहान ने महिलाओं को उनके संवैधानिक, कानूनी और सामाजिक अधिकारों के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्हें जागरूक और सशक्त बनने के लिए प्रेरित किया।
अर्पण संस्था की भूमिका की सराहना
उल्लेखनीय है कि यह जनजातीय महिला समूह अर्पण संस्था के माध्यम से महिला आयोग तक पहुंचा था। कार्यक्रम के दौरान संस्था की प्रतिनिधि रेनू ठाकुर भी मौजूद रहीं। आयोग की ओर से महिलाओं की इस पहल की सराहना करते हुए भविष्य में भी ऐसे जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का आश्वासन दिया गया।
निष्कर्ष
नन्दा की चौकी में आयोजित यह जागरूकता कार्यक्रम जनजातीय समुदाय की महिलाओं और पुरुषों के लिए अधिकार, सुरक्षा और सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। महिला आयोग द्वारा दी गई जानकारी से न केवल महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ा, बल्कि समाज में समानता और सम्मान की भावना को भी मजबूती मिली।





