नई दिल्ली, 30 अगस्त 2024
वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था ने शानदार प्रदर्शन किया है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-जून 2024 के बीच देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ा। यह एक साल पहले की तुलना में कहीं अधिक है, जब वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रही थी।
कृषि क्षेत्र का योगदान, विनिर्माण में मामूली सुधार
जीडीपी में तेजी का सबसे बड़ा कारण कृषि क्षेत्र रहा। रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल-जून 2025 में कृषि क्षेत्र में 3.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह वृद्धि दर मात्र 1.5 प्रतिशत थी।
विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि भी इस दौरान 7.6% से बढ़कर 7.7% पर पहुँच गई। सेवाओं के क्षेत्र ने भी मजबूती दिखाई और 7.6% वास्तविक जीवीए (सकल मूल्य वर्धन) वृद्धि दर्ज की।
चीन से आगे निकला भारत
अप्रैल-जून तिमाही में भारत की वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रही, जबकि इसी अवधि में चीन की वृद्धि दर 5.2 प्रतिशत दर्ज की गई। इससे साफ है कि भारत अब भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बना हुआ है।
पिछली बार इससे अधिक वृद्धि जनवरी-मार्च 2024 में दर्ज हुई थी, जब जीडीपी 8.4 प्रतिशत तक पहुँची थी।
चार महीने में 4.68 लाख करोड़ का राजकोषीय घाटा
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्तीय वर्ष के पहले चार महीनों (अप्रैल-जुलाई) में राजकोषीय घाटा 4.68 लाख करोड़ रुपये तक पहुँच गया, जो बजट अनुमान का 29.9% है।
इस दौरान कुल प्राप्तियां 10.95 लाख करोड़ रुपये और कुल व्यय 15.63 लाख करोड़ रुपये रहा। पिछले साल की तुलना में यह घाटा 17.2 प्रतिशत बढ़कर 1.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुँच गया।
उद्योग जगत ने जताई खुशी
एसोचैम (ASSOCHAM) के अध्यक्ष संजय नायर ने जीडीपी के आंकड़ों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा—
“वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में भारत की 7.8% की मजबूत जीडीपी वृद्धि यह दर्शाती है कि अर्थव्यवस्था में जबरदस्त रफ्तार बनी हुई है। सेवा क्षेत्र और कृषि दोनों ने बेहतर प्रदर्शन किया है। यह नतीजे भारत की वैश्विक चुनौतियों से निपटने की क्षमता को और मजबूत करते हैं।”
RBI का अनुमान और आगे की राह
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जीडीपी वृद्धि दर 6.5% रहने का अनुमान जताया था। केंद्रीय बैंक ने अनुमान लगाया था कि पहली तिमाही में वृद्धि दर 6.5%, दूसरी में 6.7%, तीसरी में 6.6% और चौथी में 6.3% रहेगी।
हालांकि, ताज़ा आंकड़े इस अनुमान से कहीं बेहतर साबित हुए हैं, जिससे उम्मीद है कि भारतीय अर्थव्यवस्था आने वाले महीनों में भी मजबूती बनाए रखेगी।