तिथि: सोमवार, 6 अक्टूबर 2025
स्थान: डोईवाला, जिला देहरादून (उत्तराखंड)
इलाज के नाम पर शुरू हुई ठगी की साजिश
डोईवाला क्षेत्र में एक व्यक्ति के साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। निजी अंगों में एलर्जी की समस्या से परेशान एक व्यक्ति ने राहत की तलाश में एक वेबसाइट से दवा मंगवाई, लेकिन यह कदम उसकी जिंदगी को उलझा गया। दवा मंगवाने के कुछ दिनों बाद उसे अज्ञात नंबर से व्हाट्सएप कॉल आई — कॉल करने वाला खुद को डॉक्टर बताकर विश्वास जीतने लगा।
वीडियो कॉल के बहाने बनाया अश्लील वीडियो
डॉक्टर बने ठग ने पीड़ित से कहा कि वह उसकी एलर्जी को देखकर बेहतर इलाज बता सकता है। विश्वास में आए व्यक्ति ने वीडियो कॉल पर प्रभावित स्थान दिखा दिया। कुछ देर बाद पीड़ित को एक महिला की कॉल आई, जिसने बताया कि उसके पास उस व्यक्ति का अश्लील वीडियो है। महिला ने वीडियो वायरल करने की धमकी देकर रिश्तेदारों और दोस्तों के सामने बदनाम करने की बात कही।
ब्लैकमेल कर वसूले लाखों रुपये
घबराए पीड़ित ने बदनामी के डर से महिला की बात मान ली। उसने वीडियो डिलीट करने के नाम पर उससे लाखों रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर करा लिए। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई — कुछ दिन बाद एक और कॉल आई। इस बार कॉल करने वाला खुद को दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच का अधिकारी बता रहा था। उसने भी उसी वीडियो के नाम पर धमकाया और अलग-अलग खातों में और रकम जमा कराई।
कुल ₹6.15 लाख की ठगी, पुलिस ने दर्ज की रिपोर्ट
ठगों ने इस पूरी योजना के जरिए पीड़ित से कुल ₹6.15 लाख की ठगी की। जब लगातार धमकियां और कॉल बंद नहीं हुए, तो पीड़ित ने आखिरकार डोईवाला कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई।
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक कमल कुमार लुंठी ने बताया कि शिकायत दर्ज कर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा कायम किया गया है और साइबर टीम जांच में जुट गई है।
पुलिस की चेतावनी: ऑनलाइन इलाज और कॉल से रहें सावधान
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे ऑनलाइन मेडिकल वेबसाइटों से दवा खरीदते समय सावधानी बरतें और किसी अनजान व्यक्ति को वीडियो कॉल पर निजी जानकारी या शरीर का हिस्सा न दिखाएं। ऐसे मामलों में तुरंत पुलिस या साइबर क्राइम हेल्पलाइन (1930) पर संपर्क करें।
निष्कर्ष: डिजिटल युग में ठगी के नए तरीके
यह मामला इस बात का ताज़ा उदाहरण है कि किस तरह तकनीक और भरोसे का दुरुपयोग कर साइबर अपराधी लोगों को फँसा रहे हैं। एक साधारण चिकित्सा सलाह की चाह में व्यक्ति न केवल आर्थिक नुकसान झेल बैठा बल्कि मानसिक तनाव से भी गुजर रहा है।
साइबर विशेषज्ञों का कहना है — “ऑनलाइन इलाज, दवा या कंसल्टेशन से पहले वेबसाइट की वेरिफिकेशन और रिव्यू जांचना बेहद ज़रूरी है। सतर्क रहें, तभी सुरक्षित रहेंगे।”