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त्युणी में दर्दनाक हादसा: एलपीजी गैस रिसाव से तीन राजमिस्त्रियों की मौत, दो सगे भाई शामिल

देहरादून/त्युणी। 08 दिसम्बर 2025

देहरादून जनपद की त्युणी तहसील से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। भूठ गांव स्थित राजकीय हाईस्कूल के एक कमरे में रविवार को तीन राजमिस्त्री मृत अवस्था में पाए गए। मृतकों में डिरनाड गांव निवासी प्रकाश और संजय (सगे भाई) तथा पट्यूड गांव निवासी संदीप शामिल हैं। इस घटना से पूरे इलाके में शोक और दहशत का माहौल है।


अंदर से बंद था कमरा, मुंह से निकल रहा था झाग

ग्रामीणों के अनुसार, तीनों युवक रविवार सुबह काफी देर तक कमरे से बाहर नहीं निकले। जब दरवाजा नहीं खुला तो लोगों ने पास जाकर देखा, जहां से एलपीजी गैस की तेज गंध आ रही थी। कमरे की खिड़की और दरवाजे भीतर से बंद थे। सूचना मिलने पर तहसील प्रशासन और राजस्व पुलिस मौके पर पहुंची। दरवाजा तोड़कर अंदर जाने पर तीनों युवक अचेत अवस्था में पड़े मिले, जिनके मुंह से झाग निकल रहा था।


गैस सिलिंडर मिला खाली, हाल ही में कराया था रिफिल

मौके की जांच में पाया गया कि कमरे में रखा एलपीजी सिलिंडर पूरी तरह खाली था। स्थानीय लोगों ने बताया कि तीन-चार दिन पहले ही सिलिंडर रिफिल कराया गया था। आशंका जताई जा रही है कि रात के दौरान गैस का रिसाव हुआ और बंद कमरे में गैस भरने से दम घुटने के कारण तीनों की मौत हो गई।


मकानों के निर्माण कार्य में लगे थे तीनों

प्रकाश, संजय और संदीप पेशे से राजमिस्त्री थे। वे पिछले काफी समय से भूठ गांव में रहकर मकानों के निर्माण और मरम्मत कार्य कर रहे थे। तीनों के गांव भी भूठ गांव के आसपास के क्षेत्र के बताए जा रहे हैं। मृतक प्रकाश और संजय आपस में सगे भाई थे, जबकि संदीप उनका रिश्तेदार था।


प्रशासन का बयान: प्रथम दृष्टया गैस लीकेज कारण

नायब तहसीलदार सरदार सिंह राणा ने बताया कि सुबह ग्रामीणों से सूचना मिली थी कि राजमिस्त्रियों का कमरा नहीं खुल रहा और भीतर से गैस की गंध आ रही है। मौके पर पहुंचकर दरवाजा तोड़ा गया, लेकिन तब तक तीनों की मौत हो चुकी थी। प्रथम दृष्टया मौत का कारण गैस लीकेज प्रतीत हो रहा है।


पोस्टमार्टम के बाद होगी पुष्टि

प्रशासन ने तीनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के वास्तविक कारणों की पुष्टि हो सकेगी। घटना के बाद से पीड़ित परिवारों में कोहराम मचा हुआ है।


निष्कर्ष

त्युणी की यह घटना आवासीय कमरों में एलपीजी के उपयोग को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। बंद स्थानों में गैस रिसाव कितनी बड़ी त्रासदी का कारण बन सकता है, यह हादसा उसका दुखद उदाहरण है। प्रशासन और समाज दोनों के लिए यह चेतावनी है कि गैस उपकरणों की नियमित जांच और सतर्कता बेहद आवश्यक है, ताकि भविष्य में ऐसी दर्दनाक घटनाओं से बचा जा सके।

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