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दून अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए खुशखबरी: अब IPD में ही मिलेगी अल्ट्रासाउंड की सुविधा

 

देहरादून, 15 सितंबर 2025

दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती मरीजों को अब अल्ट्रासाउंड जांच के लिए ओपीडी की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। अस्पताल प्रशासन ने जल्द ही IPD (इंडोर पेशेंट विभाग) में अल्ट्रासाउंड सेवा शुरू करने की तैयारी पूरी कर ली है। इसके लिए आउटसोर्स एजेंसी को जिम्मेदारी सौंपी गई है और रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती की प्रक्रिया शुरू हो गई है।


मौजूदा स्थिति: आउटसोर्सिंग पर टिकी जांच

फिलहाल अस्पताल में संविदा पर एकमात्र रेडियोलॉजिस्ट डॉ. सुबोध नौटियाल कार्यरत हैं, जो मुख्य रूप से ओपीडी में गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउंड करते हैं।

अन्य सभी अल्ट्रासाउंड जांचें आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से कराई जाती हैं। एजेंसी के पास फिलहाल दो रेडियोलॉजिस्ट तैनात हैं, जो रोजाना 130 से 140 अल्ट्रासाउंड कर रहे हैं। इनमें कलर डॉप्लर जैसी जटिल जांचें भी शामिल हैं।


IPD मरीजों को अब तक करनी पड़ती थी मशक्कत

अस्पताल में हर दिन भर्ती मरीजों के करीब 20 से 25 अल्ट्रासाउंड किए जाते हैं। लेकिन IPD में सुविधा न होने के कारण मरीजों को ओपीडी में जाकर लंबा इंतजार करना पड़ता था।

यह स्थिति खासकर वृद्ध और गंभीर मरीजों के लिए परेशानी का कारण बन रही थी।


नई बिल्डिंग में होगा इंतजाम

चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरएस बिष्ट ने बताया कि भर्ती मरीजों की सुविधा के लिए पुरानी बिल्डिंग में अल्ट्रासाउंड मशीन स्थापित की जा रही है।

आउटसोर्स एजेंसी को इसके लिए जगह आवंटित कर दी गई है। सेवा शुरू होने के बाद भर्ती मरीजों की जांच यहीं होगी, जबकि ओपीडी में केवल वहीं के मरीजों के अल्ट्रासाउंड किए जाएंगे। इससे भीड़ कम होगी और सभी को समय पर जांच मिल पाएगी।


नए रेडियोलॉजिस्ट की भर्ती की उम्मीद

अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि 24 सितंबर को कॉलेज स्तर पर 125 पदों के लिए साक्षात्कार आयोजित किए जा रहे हैं। इनमें रेडियो-डायग्नोसिस विभाग के भी 8 पद शामिल हैं।

संभावना है कि इन पदों पर नियुक्ति होने के बाद दून अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट की कमी काफी हद तक दूर हो जाएगी और सेवा और बेहतर हो जाएगी।


निष्कर्ष

दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में IPD के भीतर अल्ट्रासाउंड सुविधा शुरू होना मरीजों के लिए बड़ी राहत साबित होगी। अब उन्हें बार-बार ओपीडी जाने की परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी। इससे जहां भर्ती मरीजों का इलाज सुचारू होगा, वहीं ओपीडी में भीड़ और इंतजार का दबाव कम होगा। आने वाले दिनों में नए रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति से यह व्यवस्था और मजबूत होने की उम्मीद है।

 

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